लातेहारःजिले के गारू प्रखंड में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रताप टोप्पो की मौत शनिवार की रात हो गई. बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से वह कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज वेल्लोर में चल रहा था. लातेहार डीसी हिमांशु मोहन ने घटना की पुष्टि की है. दरअसल, प्रताप टोप्पो झारखंड प्रशासनिक सेवा के तीसरे बैच के अधिकारी थे. एसडीएम रैंक में उनका प्रमोशन भी जल्द ही होना था. वर्तमान में वे लातेहार जिले के गारू प्रखंड में बीडीओ के पद पर पदस्थापित थे. बताया जाता है कि लगभग आठ माह पूर्व उनकी तबीयत खराब हुई थी, लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के कारण वे अपना बेहतर इलाज नहीं करवा पाए थे. उनके पीठ में भी एक जख्म हो गया था. जिसका स्थानीय स्तर पर ही वे इलाज करवा रहे थे.
20 दिन पहले इलाज कराने गए थे वेल्लूरः इधर लगभग 20 दिन पहले जब उनकी तकलीफ बढ़ गई तो उन्होंने छुट्टी लेकर अपना इलाज कराने वेल्लोर चले गए थे, लेकिन वेल्लोर में जांच के बाद उन्हें कैंसर होने की पुष्टि हुई. इलाज के दौरान वेल्लोर में ही शनिवार की देर रात उनकी मृत्यु हो गई.
अधिकारियों के अलावे आदिवासी समाज के लोगों ने की शोक सभाःइधर, घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के अलावे आदिवासी समाज के लोगों ने भी गहरी संवेदना प्रकट की है. लातेहार में वरिष्ठ आदिवासी चिंतक और अधिवक्ता बिरसा मुंडा की अध्यक्षता में शोक सभा की गई. जिसमें आदिवासी नेता रंथु उरांव, सेलेस्टिन कुजूर, लालमोहन सिंह समेत अन्य लोगों ने भी घटना के बाद गहरी संवेदना जताई है.
कुशल पदाधिकारी थे प्रताप टोप्पोःबताया जाता है कि प्रताप टोप्पो एक कुशल पदाधिकारी थे. वर्तमान में गारू प्रखंड के अलावे वह लातेहार जिले के सरयू प्रखंड के भी बीडीओ के अतिरिक्त प्रभार में थे. विकास कार्यों को धरातल पर उतरने के साथ-साथ आम लोगों के साथ कुशल व्यवहार रखने के कारण वे क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे. उनके निधन की खबर सुनने के बाद स्थानीय लोगों में भी शोक की लहर है. घटना के बाद लातेहार समाहरणालय के सभागार के अलावे बरवाडीह और गारू प्रखंड कार्यालय में भी शोक सभा का आयोजन किया गया.