लातेहार में लुटेरा गिरोह के पर्दाफाश की जानकारी देते एसडीपीओ लातेहारः जिला पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए नए रूप से उभर रहे लुटेरा गिरोह का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस ने इस गिरोह में शामिल सभी सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास हथियार भी बरामद कर लिये गये हैं.
इसे भी पढ़ें- दुर्गा पूजा का खर्च निकालने के लिए शॉर्ट-कट! पांच दोस्तों ने डिलीवरी बॉय को लूटा, एक गिरफ्तार
लातेहार में लूट की घटना को अंजाम देने वाले इस गिरोह के पास से पुलिस ने एक देसी पिस्टल, तीन जिंदा गोली समेत अन्य सामान भी बरामद किया है. गिरफ्तार अपराधियों में जोहन सिंह, राजू रंजन, उरांव विवेक, गोसाई संजय लोहार, सुमित वर्मा, अतुल कुमार और नंदन भुइयां शामिल हैं, ये सभी लातेहार थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. गत 2 अक्टूबर की रात सदर थाना क्षेत्र के डीही मुरुप के रास्ते में लोटो गांव के पास इन अपराधियों ने मोटरसाइकिल सवार एक दंपती से हथियार के बल पर लूटकांड को अंजाम दिया था.
इन अपराधियों ने दंपती से 15 हजार रुपए लूटे और कुछ सोने-चांदी के जेवर भी उनसे ले लिए थे. अपराधियों ने हथियार का डर दिखा कर दंपती से ऑनलाइन माध्यम से 2400 रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे. इसके बाद पीड़ित दंपती के द्वारा सदर थाना क्षेत्र में लूट से संबंधित मामला दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए लातेहार एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा और थाना प्रभारी आशुतोष कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन कर मामले की जांच आरंभ की गई.
ऑनलाइन पैसे लेना अपराधियों को पड़ा महंगाः अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का डिटेल निकाला, जिस पर पैसे लिए गए थे. डिटेल निकालने के बाद पुलिस ने अनुसंधान करते हुए घटना में शामिल लुटेरा गिरोह के सभी सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इसकी जानकारी देते हुए एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तकनीकी तरीके से अनुसंधान किया. इस क्रम में पुलिस ने सभी लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया. लुटेरों के पास से एक हथियार, तीन जिंदा गोली और दंपती से लूटे गए कुछ जेवरात और कुछ पैसे भी बरामद हुआ. पूछताछ के क्रम में अपराधियों ने अपने अपराध भी स्वीकार कर लिया है.
सही समय पर कार्रवाई नहीं होती तो पुलिस के लिए बन जाती चुनौतीःअगर पुलिस सही समय पर एक्शन लेकर लुटेरा गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार नहीं करती तो आने वाले त्योहारों में यह गिरोह आम लोगों के साथ-साथ पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन जाता. बताया जाता है कि गिरोह में शामिल कुछ सदस्य अपराधी प्रवृत्ति के हैं. अपराधियों के द्वारा ही अन्य युवकों को अपने साथ जोड़कर गिरोह बनाया जा रहा था. लेकिन पहली घटना को अंजाम देने के बाद ही पुलिस की सक्रियता के कारण सभी अपराधी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए. पुलिस की सक्रियता से आम लोगों को काफी राहत मिली है.
अपराधियों की गिरफ्तारी में एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा के अलावे पुलिस इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार सब इंस्पेक्टर राज रोशन सिन्हा, देवानंद कुमार, कुबेर प्रसाद देव, नागेश्वर महतो, फुलेश्वर कुमार अकेला समेत अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही.