लातेहार: सरकार आपके द्वार के तहत लातेहार सदर प्रखंड के कुंदरी गांव में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए और आम लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने लातेहार जिले को करीब 400 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात भी दी.
दरअसल, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लातेहार के कुंदरी गांव में समारोह का आयोजन किया गया था. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड राज्य 20 वर्षों तक शोषण का शिकार रहा. इसके कारण प्रचुर धन-संपदा के बावजूद यहां के लोग गरीब और पिछड़े बने रहे. लेकिन जब से उनकी सरकार बनी है, झारखंड की जनता की उम्मीदें पूरी हो रही हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भी उन्होंने वादा किया था कि हेमंत सोरेन की सरकार दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से नहीं चलेगी और न ही एसी कमरों में बैठकर चलेगी. हमारी सरकार गांव और ग्रामीणों के बीच जाकर योजनाएं बनाएगी और काम करेगी. जब हमारी सरकार बनी तो हमने अपने सभी वादे पूरे किये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पिछले तीन वर्षों से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चला रही है. इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभ उन ग्रामीणों को मिलता है जो ब्लॉक या जिला मुख्यालय जाने में असमर्थ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम आज पूरे देश में लोकप्रिय है और कई राज्यों ने झारखंड के इस कार्यक्रम को अपनाया है और जनता के बीच ऐसे कार्यक्रम चला रहे हैं.
'हम बोलते नहीं धरातल पर काम करते हैं':इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि जब राज्य में डबल इंजन की सरकार थी तो जनता से सिर्फ झूठे वादे किये गये. जनता ने डबल इंजन सरकार के झूठ को अच्छे से समझा और उन्हें उखाड़ फेंका. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज केंद्र सरकार झारखंड के लाखों करोड़ रुपये अपने पास रखे हुए है. अगर वह पैसा झारखंड को मिल जाये तो हमारा राज्य आज देश का सबसे उन्नत राज्य बन जायेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार ने कोरोना वायरस के समय आम जनता के लिए गंभीरता से काम कर रही थी. हमने अपने मजदूरों को विमान से घर वापस लाया था. आज झारखंड में कोई भी बुजुर्ग पेंशन से वंचित नहीं है. विधवाओं और दिव्यांगों को भी शत-प्रतिशत पेंशन का लाभ मिल रहा है. बच्चों को छात्रवृत्ति मिल रही है. सरकार ने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने की योजना बनाई है.