लातेहार:मसीही समुदाय ने लातेहार जिले में गुड फ्राइडे के अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा और पवित्र क्रूस रास्ता का आयोजन किया. इस मौके पर 14 स्थानों पर क्रूस के साथ यात्रा कर प्रभु यीशु मसीह के दुख को याद किया गया. मौके पर मसीही समुदाय के लोगों ने प्रभु यीशु की झांकी भी प्रस्तुत की. वहीं चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया.
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पवित्र क्रूस यात्रा की झांकी के माध्यम से प्रभु यीशु को हुए कष्ट का प्रदर्शन किया गया. क्रूस रास्ता के बाद मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि क्रूस पर दुख सहकर प्रभु हमें दुख तकलीफ सहने के ख्रीस्तीय अर्थ को समझाते हैं. ख्रीस्तीय दृष्टिकोण से कष्ट प्रभु के दुखभोग के सहभागी बनने का प्रतीक है. इसी कारण कष्ट सहना पुण्य माना जाता है. प्रभु की प्राण मानवजाति के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक और प्रमाण है. उन्होंने स्वयं कहा था कि इससे बड़ा प्रेम नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित कर दे. वे सबसे इतना प्यार करते थे कि उन्होंने उन सभी लोगों को क्रूस पर से ही माफ किया.
सेवा का संदेश देता है गुड फ्राईडे: गुड फ्राइडे को लेकर पल्ली पुरोहित फादर सुरेश किडो ने कहा कि इस दिन को याद करते हुए प्रभु यीशु के दुख भोग की घड़ी को याद कर कलवारी पहाड़ की यात्रा का स्मरण कर प्रार्थना किया जाता है. गुड फ्राइडे की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने क्रूस पर अपने प्राण देकर हम सभी के गुनाहों का बोझ उठा लिया. पर आज आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य प्रभु यीशु मसीह के बताए रास्ते पर चलें और मानवता की सेवा करें. क्योंकि प्रभु यीशु का कहना था कि लोगों पर दया और प्रेम रखना ही मानवता की सच्ची पहचान है. खुद दुख सहते हुए भी दूसरों के कष्ट को मिटाने वाला सच्चा इंसान होता है.
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सभी चर्चों में हुआ विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन: गुड फ्राइडे के अवसर पर जिले के सभी चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जिले के पहाड़पुरी स्थित चर्च में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं महुआडांड़ के बड़े चर्च संत जोसेफ पारिष सहित साले, पकरीपाठ, चीरोपाठ, चेतमा, तुंदुटोली चर्च में गुड फ्राइडे के अवसर पर विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मसीही समुदाय ने मानवता के कल्याण और प्रभु यीशु की कृपा की कामना की.