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Published : Sep 28, 2020, 1:08 PM IST

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लातेहार: सरकारी वाहन में हो रही थी राशन की कालाबाजारी, सीओ का ड्राइवर था शामिल

लातेहार जिले में आवंटित सरकारी राशन की कालाबाजारी करने का मामला सामने आया है. इसी के तहत गुप्त सूचना पर डीएसओ ने छापेमारी करते हुए सीओ के ड्राइवर को सरकारी राशन की कालाबाजारी करते हुए पाया.

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सरकारी राशन की कालाबाजारी

लातेहार: गरीबों के लिए आवंटित सरकारी राशन की कालाबाजारी करने वालों पर भले ही कड़ी कार्रवाई करने की बात सरकार की तरफ से कही जाती हो. लेकिन राशन की कालाबाजारी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. इसी के तहत जिले में राशन की कालाबाजारी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जहां अंचलाधिकारी के सरकारी वाहन से खुलेआम गरीबों के आहार की कालाबाजारी की जा रही थी.

सरकारी राशन की कालाबाजारी
जिले के मनिका अंचल के अंचलाधिकारी नंद कुमार राम के सरकारी वाहन से उनके चालक की तरफ से अन्नपूर्णा योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले चावल की कालाबाजारी विगत कई दिनों से की जा रही थी. मामला सरकारी गाड़ी का होने के कारण आम लोग सबकुछ जानते हुए भी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. इसी बीच रविवार को किसी ने झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव को गुप्त सूचना दी और कार्रवाई की मांग की. मंत्री ने तत्काल लातेहार उपायुक्त को मामले की जांच करवाने और दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. डीसी के आदेश पर लातेहार जिला आपूर्ति पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह मनिका पहुंचे और गुप्त सूचना के आधार पर सीओ के ड्राइवर हैदर अली के आवास पर छापामारी की.

सरकारी वाहन पर लोड पाया गया 5 क्विंटल चावल
जिला आपूर्ति पदाधिकारी जैसे ही चालक के घर पहुंचे वैसे ही वहां सीओ के सरकारी वाहन पर 5 क्विंटल राशन का चावल लदा हुआ पाया. डीएसओ ने तत्काल चावल समेत वाहन को जब्त कर लिया. वाहन को लेकर मनिका थाना पहुंच गए. जांच पदाधिकारी ने जब वितरण संबंधी रिपोर्ट मांगी तो चालक ने पदाधिकारी को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन जांच में पाया गया कि रविवार को गोदाम से 10 क्विंटल चावल का उठाव किया गया था. इसमें 5 क्विंटल चावल चालक सरकारी वाहन में अपने घर ले गया था. शेष 5 क्विंटल चावल का पता जांच अधिकारी को नहीं मिल पाया. हालांकि चालक एक लिस्ट देते हुए कहा कि चावल का वितरण लाभुकों के बीच किया गया है.

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डीएसओ ने जांच में किया खुलासा
डीएसओ संतोष कुमार अन्नपूर्णा के वितरण लिस्ट के अनुसार जानहो पंचायत के मतनाग गांव पहुंचे. वहां लाभुक उस्मान अंसारी, महरंगिया देवी, पच्चू भुइंया, विपती देवी के घर पहुंचे तो पता चला कि रविवार को उसे एक छटाक भी चावल नहीं मिला है. कुछ दिन पहले महरंगिया को 25 किलो, पच्चू भुइंया और उसकी पत्नी को मात्र 25 किलो चावल दिया गया था. जबकि लिस्ट प्रत्येक लाभुक 60 किलो के हिसाब ठेपा लिया गया. डीएसओ संतोष कुमार ने कहा कि जांच अनियमितता का मामला सामने आया है.

60 क्विंटल चावल का हो चुका है घपला
अन्नपूर्णा योजना के तहत सरकार ने मनिका प्रखंड के गरीब के लिए 105 क्विंटल, 90 किलो चावल उपलब्ध कराया गया है, जिसके आलोक में 70 क्विंंटल चावल का उठाव हो चुका है. इसमें बमुश्किल 10 क्विंटल चावल बांटा गया होगा.

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