लातेहारः जिले के गारू पूर्वी वन क्षेत्र के फुलहर जंगल में मृत पाई गई हथिनी (death of elephant)का पोस्टमार्टम मंगलवार को वन विभाग और लातेहार पशुपालन विभाग के चिकित्सकों के द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम के बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट रांची(Wildlife Institute Ranchi) के डीएफओ विजय शंकर दुबे ने बताया कि मृत हथिनी के पास ही एक अन्य हाथी के बच्चे के शव के अवशेष भी मिले हैं. फिलहाल फॉरेंसिक जांच के लिए मृत हथिनी और संभावित शिशु हाथी के अवशेष को सुरक्षित रखा गया है.
दरअसल सोमवार की शाम पलामू टाइगर रिजर्व(Palamu Tiger Reserve) क्षेत्र के गारू जंगल में एक हाथी की मौत होने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को मिली थी. इस सूचना के बाद मंगलवार को वन विभाग की टीम रांची से आए उच्चस्तरीय अधिकारियों की टीम तथा लातेहार की मेडिकल टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची. पोस्टमार्टम के दौरान पाया गया कि यह मृत हथिनी का शव है. पोस्टमार्टम करने पहुंची टीम ने मृत हथिनी के बगल में एक मृत शिशु हाथी के शव का भी अवशेष पाया. शिशु हाथी के हड्डी तथा कान के कुछ अवशेष मिले. जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है.
5 दिन पूर्व ही हो गई थी हथिनी की मौतःबताया जाता है कि हथिनी की मौत 5 दिन पहले ही हो गई थी. मंगलवार को जिस समय मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंची थी, उस समय तक हथिनी के शरीर के कई अंग बुरी तरह सड़ गए थे. ऐसे में पोस्टमार्टम के बाद भी मृत्यु के कारण की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई. इसीलिए मृत हथिनी के कुछ अंगों को पलामू टाइगर रिजर्व(Palamu Tiger Reserve) में सुरक्षित रखा गया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.
हाथी के बच्चे के मिले हैं अवशेषःहथिनी की मौत (death of elephant)की खबर के बाद वन विभाग के द्वारा रांची से भेजी गई टीम का नेतृत्व कर रहे वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट रांची(Wildlife Institute Ranchi) के डीएफओ विजय शंकर दुबे ने बताया कि प्रथम दृष्टया यही प्रतीत होता है कि हथिनी की मौत(death of elephant) 5 दिन पूर्व ही हो गई होगी. क्योंकि हथिनी के बाहरी और अंदरूनी कई अंग खराब हो गए थे. ऐसे में फॉरेंसिक जांच होने के बाद ही स्पष्ट रुप से मौत के कारणों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि मृत हथिनी के बगल में एक शिशु हाथी के शव का भी अवशेष मिला है. संभावना जताई जा रही है कि मृत हथिनी का गर्भपात हुआ होगा. हालांकि अभी तक इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है. शिशु हाथी के मिले अवशेष को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है. उसके बाद ही पता चलेगा कि जो अवशेष मिले हैं वह शिशु हाथी के ही थे या कुछ और थे.
घने जंगलों में हुई थी हथिनी की मौतःपलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि हथिनी की मौत(death of elephant) काफी घने इलाके में हुई थी. जिस पथ पर वन विभाग की टीम के द्वारा पेट्रोलिंग की जाती है. उस रास्ते से काफी दूरी पर घटनास्थल थी. पेट्रोलिंग पार्टी को ही मृत हथिनी की जानकारी सबसे पहले हुई. उसके बाद वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची.