लातेहार: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए एक ओर जहां स्कूल और कॉलेज बंद हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी केंद्र अब भी खुले हैं. सरकार ने अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश नहीं दिया है. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों का जीवन खतरे में है.
इसे भी पढ़ें-कोरोना का कहर जारी, सचिवालय में बढ़ रहे केस, रोस्टर सिस्टम की हो रही तैयारी
दरअसल 1 अप्रैल से सरकार के आदेश के बाद सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को खोल दिया गया था. इसी बीच कोरोना का प्रकोप अचानक बढ़ने से सरकार ने स्कूल और कॉलेज तो बंद करा दिए, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने को लेकर किसी तरह का निर्देश नहीं दिया गया. बता दें कि केंद्रों में बच्चों का आना-जाना लगातार जारी है. बच्चे एकसाथ बैठकर खाना खाते हैं.
इसे भी पढ़ें-कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचाने के लिए सीक्वेंसिंग मशीन है जरूरी, झारखंड में अब तक नहीं हुई व्यवस्था
आंगनबाड़ी केंद्र में नो सोशल डिस्टेंसिंग कोविड नियमों का नहीं हो रहा पालन
आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले छोटे बच्चे कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. बच्चे बिना मास्क के ही आंगनबाड़ी केंद्र आते हैं, बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए एकसाथ रहते हैं. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका भी इसको लेकर काफी परेशान हैं. सेविका सुशीला देवी ने कहा कि उन्हें आंगनबाड़ी बंद करने का कोई आदेश नहीं मिला है. वो लोग सरकार की ओर से इस ओर कोई आदेश मिलने का इंतजार कर रहे हैं. सहायिका धानु देवी ने कहा कि जिस प्रकार कोरोना वायरस बढ़ रहा है. उसे देखते हुए सरकार को आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद करने का आदेश दे देना चाहिए.
आंगनबाड़ी केंद्रों के खुले रहने से नौनिहालों के जीवन को खतरा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने दी जानकारी
इस संबंध में पूछने पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी रेणु रवि ने कहा कि विभाग की ओर से उन्हें फिलहाल इस संबंध में कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुआ है. आदेश आने के बाद ही वे लोग कुछ कर सकते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को रोटेशन में बुलाया जा रहा है. बच्चों को हर दिन नहीं बुलाया जाता.