लातेहार: सदर थाना क्षेत्र के आरागुंडी गांव निवासी 70 वर्षीय रूपेश्वर यादव को उन्हीं के बड़े बेटे अशोक यादव और पोते अरविंद यादव और भूपेश यादव के द्वारा इतना डराया गया कि वे अपने छोटे बेटे की बहू और बच्चों के साथ घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए. अपने ही परिजनों से लगातार जान मारने की धमकी मिलने से भयभीत रूपेशवर यादव अपने घर में ताला लगाकर पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर भागने को विवश हो गए. हालांकि इस विकट परिस्थिति में उनकी बेटी ने उन्हें अपने साथ रखा है.
इस संबंध में बताया गया कि यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. रूपेश्वर यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जमीन को अपने दोनों बेटों अशोक यादव और धनशीश यादव के बीच बराबर बराबर बांट दी थी. वह खुद अपने छोटे बेटे धनशीश के साथ ही रहने लगे, लेकिन बड़ा बेटा और उसके परिवारवालों ने बंटवारा को मानने से इंकार कर दिया. इसको लेकर कई बार गांव में पंचायत भी बुलाई गई. इसमें सर्वसम्मति से फैसला भी सुनाया गया. इसके बावजूद बड़े बेटे और उसके परिवार वाले छोटे बेटे की जमीन पर कब्जा किए रहे. इतना ही नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों पर भी मारपीट पर उतारू होने लगे.
इसी बीच बड़े बेटे अशोक यादव के द्वारा कुंए की खुदाई आरंभ करवाई गई. इसमें जंगल से पत्थर लाकर लगाए जा रहे थे. इसकी शिकायत किसी ने वन विभाग से कर दी. ऐसे में अशोक यादव और उसके बेटों को शक हुआ कि धनशीश ने ही इसकी सूचना प्रशासन को दी है. इसी बात को लेकर धनशीश की पिटाई करने लगे. बचाव करने पर रूपेश्वर यादव धनशीश की पत्नी को भी पीटा गया.