कोडरमा: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास शुरू हो गया है. गुरुवार को जिला गव्य विकास विभाग ने 90 प्रतिशत अनुदान पर 200 महिलाओं को गौ-पालन के लिए राशि वितरित की.
गौ-पालन के जरिए कोडरमा की महिलाओं को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर, 200 लाभुकों को मिला अनुदान - महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौ-पालन एक बेहतर जरिया बन रहा है. गुरुवार को कोडरमा बिरसा सांस्कृतिक भवन में जिला गव्य विकास विभाग की ओर से 200 महिलाओं को गौ-पालन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर 1.16 लाख रुपए दिए गए.
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इससे पहले इस योजना के तहत 896 महिलाएं गौ-पालन को रोजगार का जरिया बना कर आत्मनिर्भर बन चुकी है. गव्य विकास विभाग की ओर से गांव-गांव में गाय की खरीदारी, शेड निर्माण और पशु बीमा के लिए राशि दी जा रही है. कई महिलाएं इस योजना के तहत गौ-पालन कर रोजगार से जुड़ चुकी है और आमदनी भी कर रही हैं. गौ-पालन से जुड़ी महिलाओं की माने तो लॉकडाउन में भले ही उनकी आमदनी थोड़ी कम हुई है, लेकिन इस योजना से जुड़कर उन्हें लाभ मिला है. इस योजना के लिए महिलाओं ने सरकार के प्रति आभार जताया है. ऐसे में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से लोगों की जिंदगी ठहर सी गई है, लोगों की आमदनी का जरिया बंद हो गया है. वहीं, गौ-पालन के जरिए कोडरमा की ग्रामीण महिलाएं गौ-पालन करके आत्मनिर्भर बन रही हैं.