कोडरमा:केंद्र या राज्य सरकार भले ही विकास कार्य तेजी से धरातल पर उतारने का दावा करती हो पर आज भी लोगों को पेयजल की सुविधा नहीं मिल रही है. कोडरमा जिला के डोमचांच प्रखंड का बंगाखलार गांव की. आदिवासी बहुल इस गांव की आबादी 200 है. यहां 40 परिवार बसे हुए हैं, जो जल संकट (water crisis in Bangakhlar Village) से जूझ रहे हैं. इन्हें पीने के पानी की सुविधा नहीं मिल पा रही है. हर घर जल नल योजना लोगों को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा हैं.
कोडरमा में गहराया जल संकट, डोमचांच के बंगाखलार आदिवासी टोला में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर - koderma village facing water crisis
केंद्र और राज्य सरकार के विकास के दावों के परे कुछ ऐसे भी इलाके हैं, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. कोडरामा जिला का डोमचांच प्रखंड का बंगाखलार गांव का हाल ऐसा ही है. आदिवासी बहुल इस गांव में आबादी लगभग 200 की है और यहां पीने का पानी नहीं है. यहां ग्रामीण जल संकट(water crisis in Bangakhlar Village) से जूझ रहे हैं.
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चापानल और जलमीनार पड़े हैं बेकार:गांव में चापानल भी लगाए गए और मुख्यमंत्री पेयजल योजना से जल मीनार भी बनाया गया है. लेकिन वर्तमान में यह दोनों विकल्प खराब पड़े हैं. इस वजह से लोगों को पानी के लिए काफी दूर जाना पड़ रहा है. पानी की सुविधा नहीं होने से रोजमर्रा के कामों में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. ग्रामीण चुंआ का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. बंगाखलार के कर्मीकुंड, कुटुमताल, तुरिया टोला सहित कई क्षेत्रों में स्थिति खराब हो गई है. लोगों को पानी के लिए हर दिन जद्दोजहद करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी से लोग जहां परेशान हैं, वहीं कोडरमा के कई इलाकों का जलस्तर भूगर्भ में चला गया हैं. नदी, तालाब और कुएं सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बना जलमीनार बेकार पड़े हैं.