कोडरमा: कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कल सामने आएंगे. नतीजों से पहले कोडरमा में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा की जीत का दावा करते हुए एग्जिट पोल को गलत बताया है. कोडरमा के झुमरीतिलैया स्तिथ शिव तारा स्कूल में दादा-दादी और नाना-नानी पूजन कार्यक्रम में पहुंची केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि जरूरी नहीं है कि एग्जिट पोल सच ही साबित हो. नतीजे इसके विपरीत भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कल नतीजे सबके सामने होंगे और एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है.
Koderma News: कोडरमा पहुंची केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का किया दावा - School Program In Koderma
केंद्रीय शित्रा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत का दावा किया है. कोडरमा के झुमरीतिलैया स्थित एक स्कूल के कार्यक्रम में पहुंची मंत्री ने एग्जिट पोल के संभावित नतीजों को सिरे से खारिज कर दिया है.
कोडरमा के स्कूल बुजुर्गों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजनः कोडरमा के झुमरीतिलैया स्तिथ शिव तारा स्कूल में शुक्रवार को दादा-दादी और नाना-नानी पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी मौजूद थीं. मौके पर स्कूल के बच्चों ने सामूहिक रूप से अपने दादा-दादी और नाना-नानी की आरती उतारी और तिलक लगाया. इसके बाद अपने बुजुर्गों का मुंह मीठा करवाने के बाद उनसे आशीर्वाद लिया.
केंद्रीय मंत्री ने बुजुर्गों को भेंट की धार्मिक पुस्तकेंः इस दौरान बच्चों के दादा-दादी और नाना-नानी को मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने धार्मिक पुस्तकें भेंट की और उनसे आशीर्वाद लिया. मौके पर बड़ी संख्या में स्कूली के बच्चों और उनके अभिभावक भी मौजूद थे. वहीं कार्यक्रम में शामिल बुजुर्गों में काफी उत्साह नजर आया.
नई शिक्षा नीति में संस्कारयुक्त शिक्षा पर जोरःइस मौके पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी संस्कार युक्त शिक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आज कहीं ना कहीं बेहतर शिक्षा पाने की होड़ और आपाधापी में बच्चे संस्कार भूलते जा रहे हैं, लेकिन इस स्कूल द्वारा दादा-दादी और नाना-नानी पूजन कार्यक्रम का आयोजन कर बच्चों को संस्कारवान बनाने की पहल की गई है. उन्होंने कहा कि संस्कार भारतीय ज्ञान और परंपरा को आगे बढ़ाता है और बुजुर्गों से बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है.