कोडरमा: जिले में समलैंगिक विवाह का एक मामला सामने आया है. जहां दो चचेरी बहनों ने आपस में मंदिर में शादी कर ली. दोनों बहनें परिवार और समाज के डर से पहचान छिपाकर अलग रह रही हैं. दोनों चचेरी बहनों का कहना है कि बाधाएं जितनी भी आएं वह हमेशा एक दूसरे के साथ रहेंगी और दोनों बहनें पिछले 5 सालों से एक दूसरे के प्रति आकर्षित हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें लेस्बियन कपल कहलाने में किसी तरह की शर्मिंदगी नहीं है.
समलैंगिक जोड़ी आपस में चचेरी बहने हैं और झुमरी तिलैया की रहने वाली हैं और दोनों के घर भी आस-पास हैं. दोनों बहनों ने बताया कि 8 नवंबर को उन्होंने स्थानीय शिव मंदिर में विवाह रचाया है. फिलहाल वे दोनों पहचान छिपाकर रह रही हैं लेकिन आगे उनका मकसद किसी दूसरे शहर में जाकर रहना है. जहां उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो और उनका सफर आसानी से चलता रहे.
उन्होंने बताया कि उन दोनों को भली-भांति पता था कि समलैंगिक संबंधों को कानूनी सरंक्षण प्राप्त है और वे लोग न्यूयार्क की अंजलि चक्रवर्ती और सूफी संडल्स लेस्बियन कपल से प्रभावित होकर अपने संबंधों को मुकाम तक पहुंचाने की ठानी है. दोनों बहनों में एक कि उम्र 24 साल तो दूसरे की उम्र 20 साल हैं. एक ने ग्रेजुएशन तक कि पढ़ाई की हैं तो दूसरी इंटर तक की पढ़ाई की हैं.
ऐसे जोड़े कानून का ले सकते हैं सहारा
इधर कानून के जानकार का कहना है कि उच्चतम न्यायालय में समलैंगिक संबंधों को अप्राकृतिक अपराध की श्रेणी में रखने वाले धारा को संशोधित कर समलैंगिक संबंधों को मान्यता दे दी है. अधिवक्ता शैलेश कुमार अभय ने बताया कि समलैंगिक जोड़ा को अगर किसी तरह की परेशानी है या उसे कोई प्रताड़ित करता हैं तो वह कानून का सहारा ले सकता हैं और पुलिस प्रशासन का भी दयित्व हैं कि वे ऐसे जोड़े को कानूनी सुरक्षा प्रदान करें.
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समलैंगिक संबंधों से जुड़ा यह कोडरमा जिले का पहला मामला है. हालांकि जब परिवार को इन दोनों चचेरी बहनों के समलैंगिक संबंधों का पता चला तो परिवार की तरफ से दोनों को समझाने का प्रयास भी किया गया. जिसको दोनों बहनों ने दरकिनार कर अपने परिवार का साथ छोड़ दिया और दोनों समलैंगिक कपल परिवार के दवाब से अलग पहचान छिपाकर रह रही हैं और खुद के रिश्ते को मुकाम तक पहुंचाने की बात कह रहीं हैं.