झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

महिला के पेट से साढ़े पंद्रह किलो का निकला ट्यूमर, पिछले 18 वर्षों से पेट के दर्द से परेशान थी महिला

कोडरमा में एक बिहार की एक महिला के पेट से 15 किलो का ट्यूमर डॉक्टर ने निकाला है. महिला के परिजनों का कहना है कि पिछले 18 सालों से उसे पेट दर्द की शिकायत थी, उसके कई जगह इलाज करवाया लेकिन कहीं भी उसे राहत नही मिली.

tumor of fifteen and half kilograms
tumor of fifteen and half kilograms

By

Published : Jul 29, 2022, 8:48 PM IST

कोडरमा:झुमरी तिलैया शहर के बाइपास रोड में संचालित गीता क्लीनिक में सर्जन डॉक्टर अरुण कुमार अबोध ने एक महिला के पेट का ऑपरेशन कर 15.5 किलो का ट्यूमर बाहर निकाला है. महिला के परिजनों ने बताया कि उसे पिछले 18 सालो से पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद उसने डॉक्टर से इलाज शुरू करवाया था.

ये भी पढ़ें:कोडरमा में अंधविश्वास के कारण एक महिला की मौत, सांप काटने के बाद झाड़ फूंक करते रहे परिजन

मामले की जानकारी देते हुए डॉ अरुण कुमार अबोध ने बताया कि बिहार के गया जिले के वजीरगंज निवासी कोशमी देवी पिछले 18 सालों से पेट दर्द की समस्या से परेशान थीं. महिला के परिजनों द्वारा पेट दर्द की शिकायत पर उनके क्लीनिक में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद महिला का अल्ट्रासाउंड करने पर पेट में काफी बड़ा ट्यूमर होने की जानकारी मिली. ऐसे में महिला की स्थिति को देखते हुए चार दिनों तक निगरानी में रखने के बाद एनेस्थेटिक डॉ. पूनम कुमारी समेत अन्य कर्मियों के सहयोग से करीब 2 घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद महिला के पेट से ट्यूमर को निकाला गया.

डॉ. अरुण अबोध ने बताया कि महिला के पेट में ट्यूमर का साइज लगातार बढ़ता जा रहा था, अगर ऑपरेशन में देरी होती तो मरीज की जान को भी खतरा हो सकता था. उन्होंने बताया कि काफी बड़े साइज के ट्यूमर से महिला के शरीर की कई अंदरूनी अंग दब गए थे. डॉ अरुण कुमार अबोध ने बताया कि इस जटिल ऑपरेशन को उन्होंने अपने पूर्व के अनुभव और कुशल कर्मियों के सहयोग से पूरा किया है.

इधर, ऑपरेशन के बाद फिलहाल महिला की स्थिति अच्छी है. महिला के परिजनों ने बताया कि डॉ अरुण कुमार अबोध ने कोशमी देवी को एक नया जीवन दिया है. महिला के परिजन बाबूलाल रविदास ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष से महिला काफी परेशान थी और वह बिहार के कई प्रसिद्ध चिकित्सकों से इलाज करा चुकी थी, इसके अलावा इलाज के लिए वह बीएचयू भी गई थी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि डॉ अरुण कुमार अबोध ने कोशमी देवी को नया जीवन दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details