कोडरमा: चाइल्ड ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए बाल दुर्व्यापार विरोधी जन जागरुकता रथ यात्रा शुरू किया गया है. 24 जुलाई तक चलने वाला यह अभियान (campaign to stop child trafficking) कोडरमा और गिरिडीह के 500 सुदूरवर्ती गांव तक पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रहा है.
इसे भी पढ़ें- बाल तस्करी रोकने को लेकर कोडरमा रेलवे स्टेशन पर बनेगा मॉडल बाल मित्र थाना, आरपीएफ और जीआरपी के जवान होंगे तैनात
इस जन जागरुकता अभियान (Public awareness campaign) में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भी अपनी भागीदारी निभा रहा है. इस दौरान गांव में रैली निकाली जा रही है, जगह-जगह नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जा रहे हैं, इसके अलावा कई जगह रात्रि चौपाल और सभाओं के जरिए लोगों से बाल तस्करी रोकने को लेकर जागरूक रहने की अपील की जा रही है. कोडरमा उपायुक्त आदित्य रंजन (Koderma DC Aditya Ranjan) ने इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि बाल तस्करी से रेस्क्यू किए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए भी जिला प्रशासन उपाय कर रही है.
दरअसल ट्रेनों के जरिए बाल तस्करी के मामले ज्यादा सामने आते हैं. ऐसे में इस मुहिम में आरपीएफ की भागीदारी काफी अहम है. आरपीएफ कमांडेंट हेमंत कुमार के निर्देश पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस गोमोह स्टेशन से लेकर कोडरमा आरपीएफ तक के जवान इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं और बाल तस्करी रोकने को लेकर लोगों से सहयोग की अपील की जा रही है. हर बच्चे का है अधिकार, रोटी, खेल, पढ़ाई, प्यार, इस अभियान को साकार बनाने के लिए जरूरी है की बाल तस्करी जैसे मामलों पर पूरी तरह से खत्म हो. बाल तस्करी की जंजीरों में जकड़ने के बाद न सिर्फ बच्चों का बचपन छिन जाता है बल्कि उनके अधिकार भी खत्म हो जाते हैं.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, रेलवे सुरक्षा बल, कोडरमा और गिरिडीह जिला प्रशासन, कोडरमा और गिरिडीह पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में बाल तस्करी, बाल श्रम जैसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए बाल दुर्व्यवहार विरोधी जन जागरुकता अभियान की शुरुआत 18 जुलाई को की गई. यह अभियान 24 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान जन जागरुकता रथ कोडरमा और गिरिडीह के 500 गांव तक पहुंचेगा.