कोडरमा: जिला में लापता रिटायर्ड शिक्षक गिरिजा नंदन प्रसाद की मौत मामले में उनके मोबाइल से पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. मौत के पीछे ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग का कारण बताया जा रहा है. रिटायर्ड शिक्षक 31 जनवरी 2023 को लापता हुए थे. जानकारी मिली है कि लापता होने से पहले 31 जनवरी और 30 जनवरी को शिक्षक के बैंक खाते से दो-दो हजार की रकम दस अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई थी. पुलिस को शिक्षक के मोबाइल से इस बात के सबूत हाथ लगे हैं.
Koderma News: शिक्षक की मौत मामले में मिले अहम सुराग, लापता होने से पहले 10 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए थे पैसे - गुमशुदगी का पोम्प्लेट
कोडरमा में लापता शिक्षक की मौत मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं. जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि शिक्षक को ब्लैकमेल किया जा रहा था. लापता होने से पहले शिक्षक के बैंक खाते से 10 अलग-अलग खातों में दो-दो हजार रुपये ट्रांसफर किए गए थे.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार:पुलिस अंदेशा लगा रही है कि शिक्षक को किसी बात को लेकर ब्लैकमेल किया जा रहा था. इसी से छुटकारा पाने के लिए शिक्षक गिरजा नंदन प्रसाद ने यह रकम चुकाई थी. हालांकि, पुलिस को अभी भी मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे यह साफ हो पाएगा की उनकी मौत, हत्या है या आत्महत्या.
क्या है पूरा मामला: 31 जनवरी 2023 से कोडरमा थाना क्षेत्र के दुद्धीमाटी से लापता शिक्षक गिरजा नंदन प्रसाद का शव 11 फरवरी 2023 को कोडरमा के डंगरा पहाड़ के पीछे जंगल से बरामद किया गया था. पुलिस ने शव के पास से ही शिक्षक के कपड़े और मोबाइल बरामद किए थे. जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड शिक्षक सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहा करते थे. एसपी कुमार गौरव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही शिक्षक की मौत का रहस्य सुलझ पाएगा, लेकिन शिक्षक के लापता होने के पहले उनके मोबाइल से अलग-अलग बैंक खातों में राशि ट्रांसफर किए जाने की जांच पुलिस कर रही है.
कैसे बरामद हुआ शव: गौरतलब है कि शिक्षक गिरजा नंदन प्रसाद के लापता होने के बाद परिजनों ने उनकी खोजबीन की पूरी कोशिश की. जगह-जगह शिक्षक की फोटो के साथ गुमशुदगी का पम्प्लेट चिपकाया गया था. इधर कोडरमा पुलिस भी शिक्षक की तलाश कर रही थी. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली की एक डेथ बॉडी डंगरा पहाड़ के पीछे घने जंगलों में देखी गयी है. जिसक बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जहां डेड बॉडी की शिनाख्त शिक्षक गिरजा नंदन प्रसाद के रूप में की गई.