कोडरमा: नवरात्र में कोडरमा का चंचला धाम भक्ति और आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां मां दुर्गा के कुंवारी स्वरूप की पूजा होती है. दुर्गम और कष्टदायक सफर के बावजूद हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं. मां चंचला से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.
मां भगवती के कुंवारी स्वरूप का दर्शन
कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड के बीहड़ जंगलों के बीच चंचला पहाड़ी पर मां दुर्गा का यह मंदिर अवस्थित है. दुर्गम रास्ते और कष्टदायक सफर के बाबजूद भी बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु पूरी भक्ति और आस्था के साथ पहुंच रहे हैं. नवरात्र में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. आज हम आपको मां दुर्गा के कुंवारी स्वरूप का दर्शन कराएंगे. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, 1648 ईस्वी में देवीपुर के राजा जयनारायण सिंह को शिकार खेलने के क्रम में इस पहाड़ पर मां भगवती की कुंवारी स्वरूप का साक्षात दर्शन हुआ था, जिसके बाद से लगातार यहां मां भगवती की पूजा हो रही है. यहां के पुजारी बताते हैं कि मां दुर्गा का कुंवारी स्वरूप होने के कारण यहां सिंदूर वर्जित है, लेकिन हर तरह के प्रसाद यहां चढ़ाए जाते हैं.