झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

कोडरमा कोर्ट ने सुनाया फैसला, दुष्कर्मी को 12 साल कारावास की सजा

Koderma court sentenced 12 years imprisonment. दुष्कर्म के मामले में कोडरमा कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें अदालत ने दुष्कर्मी को 12 साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दुष्कर्म के आरोपी पर अर्थदंड भी लगाया गया है.

http://10.10.50.75//jharkhand/15-December-2023/jh-kod-02-saja-photo-script-jh10009_15122023195559_1512f_1702650359_904.jpg
Koderma Court Sentenced 12 Years Imprisonment

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 15, 2023, 9:18 PM IST

कोडरमा:जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को 12 साल का कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर आरोपी को 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

नवलशाही क्षेत्र में हुई थी घटनाः जानकारी के अनुसार मामला नवलशाही थाना क्षेत्र का है. जहां दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म किया गया था. इस संबंध में नवलशाही थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोडरमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने आरोपी 32 वर्षीय रणजीत कुमार उर्फ रंजीत ठाकुर को आईपीसी की धारा 376(2)(1) एवं 376(2) (एन) में दोषी करार देते हुए 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर आरोपी को 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

दुष्कर्म के बाद युवती हो गई थी गर्भवती, दिया था बच्ची को जन्मः घटना के संबंध में पीड़िता की मां ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि जब उसकी बेटी को पेट में दर्द हुआ तो वह डॉक्टर के पास गई. जहां उसे पता चला कि उसकी बेटी पांच महीने की गर्भवती है. जिसके बाद 10 अक्टूबर 2022 को ऑपरेशन के बाद उसकी बेटी ने सदर अस्पताल कोडरमा में एक बच्ची को जन्म दिया. इसके बाद युवती की मां ने बेटी से पूछताछ की तो उसे पता चला कि कुछ दिन पहले जब वह सुबह के समय जंगल की ओर शौच को जाती थी तो उस दौरान उसका पड़ोसी रंजीत कुमार उसके साथ बलात्कार करता था. आरोपी रंजीत ने पीड़िता को यह धमकी दी थी कि यदि उसने यह बात किसी को बताई तो उसकी हत्या कर दी जाएगी.

अदालत ने सभी साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद सुनाया फैसलाःअभियोजन का संचालक लोक अभियोजक पीपी पीके मंडल ने किया. इस दौरान सभी 7 गवाहों का परीक्षण कराया गया. लोक अभियोजक पीपी पीके मंडल ने कार्रवाई के दौरान न्यायालय से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने की गुहार लगाई. इधर, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार शर्मा औक अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद सिंह ने अदालत में दलीलें पेश करते हुए आरोपी का बचाव किया. वहीं अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अभियुक्त को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details