कोडरमाः जिले के बेकोबार की रहने वाली सोनिया उर्फ अजूबा खातून नामक महिला को उसके शौहर सलामत मियां ने डाक के जरिए तलाकनामा भेजकर तीन तलाक दे दिया है. सुनकर भले ही अजीब लग रहा हो कि आदालत के द्वारा तीन तलाक निरस्त करते हुए इसके खिलाफ कानून बना दिए हैं, लेकिन बावजूद इसके इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं. इसके साथ ही उसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है.
शादी के 20 बाद भी दे दिया तलाक
सोनिया खातून और सलामत मियां का निकाह 1997 में हुआ था. इन 20 सालों में सलामत मियां और सोनिया के दो बेटे और तीन बेटियां हैं, जिसमें से एक बेटा और एक बेटी सोनिया के साथ तो दो बेटी और एक बेटा सलामत मियां के साथ रहते हैं. हालांकि, 5 महीनों से सलामत सोनिया और दोनों बच्चे को छोड़कर कहीं अलग जगह पर रह रहा है. इसके साथ ही उसने घर के एक कमरे को छोड़ बाकी के कमरों में ताला लगा दिया है. जिसकी वजह से बच्चों को उस घर में रहना मुश्किल हो रहा है.
ये भी पढ़ें- प्रेम-प्रसंग के बाद ओडिशा के प्रोफेसर ने शादी से किया इंकार, लड़की ने कॉलेज के सामने दिया धरना
5 महीनों के अंदर 5 बार दिया तलाक
पिछले 5 महीने से जब से सलामत मियां अपनी पत्नी सोनिया को छोड़कर चला गया है तब से आसपास के लोगों से कुछ मदद लेकर सोनिया अपने बच्चों के साथ किसी तरह गुजारा कर रही है. आर्थिक परेशानियों के साथ ही उन्हें मानसिक परेशनियों का भी सामना करना पड़ रहा. सलामत ने सोनिया को इन 5 महीनों के अंदर 5 बार तलाक दिया है. वहीं, सलामत का भाई मुस्तकीम मियां भी इस घटना से हैरान है. उसने कहा है कि जब तीन तलाक असंवैधानिक हो गया है तो फिर सोनिया को तीन तलाक क्यों दिया गया. ऐसे में सरकार और प्रशासन को उसके साथ इंसाफ करना चाहिए.
सोनिया ने हर जगह लागाई है इंसाफ की गुहार
डाक के द्वारा मिला गए तलाक से सोनिया ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. इसके साथ ही उसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है. वहीं इस मसले पर शिक्षा मंत्री नीरा यादव और स्थानीय विधायक ने कहा कि इस मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वहीं दूसरी ओर सोनिया को तलाकनामे पर गवाह के तौर पर गांव के ही 4 लोगों के अलावा बेकोबार पंचायत के मुखिया रहमत अली के भी हस्ताक्षर हैं. बावजूद इसके सोनिया के आसपास के लोग सोनिया की हर संभव मदद करने को तैयार हैं और इंसाफ की लड़ाई में उसका साथ निभा रहे हैं.