कोडरमा: जिला में हाथियों का मूवमेंट (Elephants in Koderma) लगातार बढ़ता जा रहा है. कोडरमा के जंगली इलाकों से निकलकर हाथी रिहायशी इलाकों में घरों और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके अलावा इन हाथियों से कई बार जान माल के नुकसान की संभावना भी बनी रहती है. कोडरमा वन प्रमंडल की ओर से हाथियों के सुरक्षित प्रवास और आम जनजीवन की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
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कोडरमा के इन इलाकों तक पहुंच गए हैं जंगली हाथी:दरअसल, पहले हाथियों का झुंड कोडरमा में पूरब से पश्चिम तक विचरण किया करता था लेकिन, वन विभाग के मुताबिक अब हाथियों के झुंड ने एक नया रूट खोज लिया है और अब इन जंगली हाथियों की पहुंच कोडरमा के उत्तरी से लेकर दक्षिणी छोर तक पहुंच गई है. ऐसे में पहले हाथियों का झुंड कोडरमा के जयनगर मरकच्चो होते हुए बरकट्ठा के जंगलों तक ही सीमित रहता था लेकिन, अब यही झुंड कोडरमा से होते हुए गिरीडीह और नवादा के जंगलों में विचरण कर रहा है और अक्सर पानी और भोजन की तलाश में हाथियों के झुंड रिहायशी इलाकों में कूच करने लगे हैं. जिससे आम जनजीवन डर के साए में जीने को मजबूर है.
एलिफेंट कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव:हाथियों के सुरक्षित प्रवास को लेकर कोडरमा वन प्रमंडल की ओर से पूरब से पश्चिम तक एलिफेंट कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया है. वन विभाग अब हाथियों के नए रूट को भी तलाशने में जुट गई है. इस नए रूट में विचरण के कारण कई बार हाथियों की आवाजाही रेल लाइन में भी हुई है. यही कारण है कि पिछले दिनों दो अलग-अलग घटनाओं में 4 हाथियों की मौत भी हुई थी. कोडरमा के डीएफओ सूरज कुमार सिंह ने बताया कि ईस्ट वेस्ट जोन में 22 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है जबकि वन विभाग को साउथ नॉर्थ जोन में एकमात्र हाथी विचरण करते हुए मिला है. उन्होंने बताया कि हाथियों के सुरक्षित प्रवास के साथ-साथ आम जन जीवन की सुरक्षा भी जरूरी है.