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कोडरमाः स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को नहीं मिल रहा सरकारी लाभ, व्रजनंदन प्रसाद का स्वतंत्रता संग्राम में था योगदान - कोरडमा डीसी रमेश घोलप

कोडरमा के सतगांवा प्रखंड में स्वतंत्रता सेनानी व्रजनंदन प्रसाद का परिवार सरकारी सुविधाओं के अभाव में आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है. स्वतंत्रता सेनानी व्रजनंदन प्रसाद के पुत्र शिवपूजन सहाय बुजुर्ग होने के साथ-साथ शारीरिक रूप से लाचार हो चुके हैं. लेकिन लगातार कोशिश के बाद भी इस परिवार को अब तक सरकार की ओर से ना तो अंत्योदय योजना का लाभ मिल रहा है और ना ही विकलांगता पेंशन मिल पाई है. इसको लेकर जिला उपायुक्त ने जल्द ही योजना का लाभ देने का भरोसा दिलाया है.

Freedom fighter's family neglected by Koderma Administration
स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को मदद नहीं मिली

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Published : Jul 24, 2020, 5:53 AM IST

कोडरमाःगुलाम भारत में देश के स्वतंत्रता संग्राम में कोडरमा के सतगावां प्रखंड के सपूत व्रजनंदन प्रसाद ने स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई. आजादी की लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें कई बार जेल भी डाल दिया था. फिर भी वो इस लड़ाई में डटे रहे. स्वाधीन भारत में व्रजनंदन प्रसाद और उनके परिवार को स्वतंत्रता सेनानी की पहचान मिली. केंद्र की ओर से परिचय पत्र और ताम्र पत्र मिला. लेकिन स्वतंत्रता सेनानी व्रजनंदन प्रसाद के निधन के बाद उनके परिवार पर विपदा आ गई. मजबूरियों से जूझते इस परिवार ने ब्लॉक स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक की चौखट तक दस्तक के चुके हैं.

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स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र शिवपूजन सहाय की शिकायत है कि भले ही हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मान दिया जाता है. लेकिन हमें अब तक सरकारी मदद और किसी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. 2 साल से पेंशन की अर्जी पर भी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. मामला संज्ञान में आने के बाद कोडरमा डीसी रमेश घोलप ने कहा कि एक से दो सप्ताह के अंदर स्वतंत्रता सेनानी व्रजनंदन प्रसाद के परिवार को अहर्ताओं के अनुसार तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा और ब्लॉक पदाधिकारी उनके घर तक पहुंचेंगे.

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भले ही स्वतंत्रता सेनानी व्रजनंदन प्रसाद की तस्वीरें धुंधली पड़ गई हैं, आजादी के आंदोलन में योगदान के लिए उनको प्राप्त ताम्र-पत्र भले ही धूल फांक रही हैं, लेकिन देश को स्वाधीन कराने में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. जिस तरह उन्होंने देश को स्वाधीन कराने में हजारों कष्ट सहे. शासन-प्रशासन की अनदेखी ने स्वतंत्रता सेनानी व्रजनंदन प्रसाद के बलिदान को भी कहीं ना कहीं धुंधला कर दिया है.

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