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कोडरमा: DC ने जनप्रतिनिधियों के साथ की वार्ता, कोविड नियंत्रण पर मांगे सुझाव

कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप ने समाहरणालय सभागार में वीडियो कॉल के माध्यम से जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने और उससे बचाव को लेकर सुझाव मांगे.

dc talks with public representatives through video conferencing in koderma
DC ने जनप्रतिनिधियों के साथ की वार्ता

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Published : May 10, 2021, 10:41 AM IST

कोडरमा: कोरोना महामारी की लड़ाई में कोडरमा जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. उपायुक्त रमेश घोलप ने समाहरणालय सभागार में वीडियो कॉल के माध्यम से जिले के सांसद, विधायक, प्रधान कार्यकारी सीमित जिला परिषद के साथ-साथ सभी मुखिया, प्रमुख और अन्य जनप्रतिनिधियों से वार्ता की. इस दौरान कोविड की दूसरी लहर से निपटने के लिए उनसे विचार विमर्श कर उनका सुझाव मांगा गया.

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ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था
सांसद अन्नपूर्णा देवी ने उपायुक्त के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस महामारी को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो सुदूर क्षेत्रों में भी ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जाए, ताकि मरीजों को जिला मुख्यालय तक आने के लिए अनावश्यक समय की बर्बादी न करनी पड़े. उन्होंने जिला प्रशासन को आश्वस्त किया कि अपने सांसद निधि से वे कोविड लड़ाई में संसाधन जुटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जरूरत के अनुरूप जिला प्रशासन प्रस्ताव के साथ सहयोग लें.

बड़े पैमाने पर लगातार जांच शिविर का आयोजन
वहीं स्थानीय विधायक डॉ नीरा यादव ने कहा कि कोविड टीकाकरण के बाद मामूली साइड इफेक्ट से ग्रामीण क्षेत्रों में भय की स्थिति बनी हुई है. अफवाह को दूर करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार हो. उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण क्षेत्र अभी भी कोविड संक्रमण से अछूते हैं, यदि वहां एकाद मामले आते हैं तो उस क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर लगातार जांच शिविर का आयोजन किया जाए.

अस्पताल के हेल्पडेस्क को दी जाए संपूर्ण जानकारी
बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव ने कहा कि जनप्रतिनिधि आवश्यक रूप से टीकाकरण कराएं, ताकि लोगों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा. उन्होंने मुखियाओं को सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया. इसके साथ ही प्रधान कार्यकारी समिति जिला परिषद शालिनी गुप्ता ने कहा कि कोविड हॉस्पिटल में इलाजरत मरीजों की स्वास्थ्य की जानकारी उनके परिजनों को ससमय मिल पाए, इसके लिए अस्पताल के हेल्पडेस्क को संपूर्ण जानकारी के साथ दुरुस्त किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के ऐसे समय में मरीज के इलाज के लिए खून की आवश्यकता को देखते हुए ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन कर ब्लड का भंडारण किया जाए.

जनप्रतिनिधियों का सुझाव काफी लाभदायी
उपायुक्त रमेश घोलप ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने जिले में कोविड के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में सभी जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन इस महामारी की लड़ाई में प्रारंभ से ही प्रतिबद्ध है. पिछली लहर की तुलना में यह लहर ज्यादा घातक है, फिर भी लोग न घबराए, लोग सतर्क रहें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें. डीसी ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि इस संक्रमण को रोकने के लिए आप सभी का सुझाव काफी लाभदायी होगा, क्योंकि क्षेत्र में रहकर आप आमजनों की समस्याओं को काफी करीब से समझते हैं.

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होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट
उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में जिले के पास कुल 228 बड़े कन्वर्टेड ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ-साथ 145 छोटे सिलेंडर हैं. इस प्रकार ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. जिले में सरकारी कोविड अस्पताल में 110 ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ 140 साधारण बेड हैं. वहीं सदर अस्पताल के कोविड हेल्थ सेंटर में 20 पाइपलाइन युक्त ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता हैं. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द दो से तीन दिनों में और 30 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके साथ ही सरकारी कोविड अस्पताल में 6 वेंटिलेटर की भी सुविधा है. सभी होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है.

फ्लाइंग स्क्वायड टीम की छापेमारी
दवाई दुकानों में दवाई की उपलब्धता बनी रहे और दवाई के दामों में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए फ्लाइंग स्क्वायड टीम लगातार छापेमारी कर रही है. उपायुक्त ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे ऐसे क्षेत्र जहां ज्यादा पॉजिटिव केस हैं, उन क्षेत्रों की सूचना संबंधित क्षेत्र के विकास पदाधिकारियों को दें, ताकि वहां टेस्टिंग कैंप लगाकर संक्रमितों की पहचान कर उनका समुचित इलाज किया जा सके.

प्रवासियों का कोरोना टेस्ट आवश्यक
उपायुक्त रमेश घोलप ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार बाहर से आने वाले लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाएगा. पॉजिटिव पाए जाने वाले संक्रमितों का इलाज किया जाएगा. अन्य को सात दिनों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनके दवा और खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी. डीसी ने बताया कि आए दिन सोशल मीडिया में गलत वीडियो बनाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि स्थल पर जाने पर पता लगता है कि यह खबरें सच्चाई से परे हैं. इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. सच्चाई जानने के लिए वे संबंधित चिकित्सक या अधिकारी से बात कर सकते हैं.

अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने सुझाव जिला प्रशासन को दिए. उपायुक्त ने जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 9508287049, 84345 21781 और 9608725344 सभी जनप्रतिनिधियों को बताया और किसी भी प्रकार की शिकायत या सुझाव देने के लिए इस नंबर पर कॉल करने को कहा.

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