कोडरमा: देशभर में शिवरात्रि की धूम देखी जा रही है. कोडरमा में भी शिवरात्रि के मौके पर हर तरफ भक्तिमय माहौल दिख रहा है. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है. अहले सुबह से ही यहां भारी संख्या में शिवभक्तों का आना लगा हुआ है. ध्वजाधारी आश्रम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेला का आयोजन भी किया गया है, इसके लिए भी भारी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं.
Shivratri Mela in Koderma: ध्वजाधारी आश्रम में आयोजित शिवरात्रि मेला में उमड़ी भीड़, 777 सीढियां चढ़कर भक्त कर रहे बाबा का जलाभिषेक - Koderma News
शिवरात्रि पर कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में आयोजित मेले को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. सुबह से ही मेले में काफी भीड़ है. भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इधर भक्त ध्वजाधारी पहाड़ की चोटी पर भगवान शिव के दर्शन के लिए जुट रहे हैं. इस चोटी का नाता द्वापर युग से है.
![Shivratri Mela in Koderma: ध्वजाधारी आश्रम में आयोजित शिवरात्रि मेला में उमड़ी भीड़, 777 सीढियां चढ़कर भक्त कर रहे बाबा का जलाभिषेक Shivratri Mela in Koderma](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17788301-thumbnail-4x3-kod.jpg)
बता दें कि शिवरात्रि के मौके पर कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में हर साल बिहार, झारखंड, बंगाल और दूसरे प्रदेशों से लाखों की संख्या में शिवभक्त पहुंचते हैं. शिवभक्त 777 सीढियां चढ़कर कोडरमा के ध्वजाधारी पहाड़ की चोटी पर विराजमान भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. बताया जाता है कि यहां जो भी भक्त सच्ची आस्था और भक्ति के साथ बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
द्वापर युग से नाता:मान्याताओं के अनुसार द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र कद्रम ऋषि ने इसी ध्वजाधारी पहाड़ की चोटी पर भगवान शिव की आराधना की थी और भगवान शिव ने कद्रम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी. तभी से इस पहाड़ का नाम ध्वजाधारी पहाड़ पड़ गया. कोडरमा के ध्वजाधारी पहाड़ द्वापर युग से ही आस्था और भक्ति का केंद्र रहा है. यहां पर आने वाले शिवभक्त भगवान भोले को जलाभिषेक करने के बाद इस ध्वजाधारी पहाड़ पर ध्वजा और त्रिशूल भी रोपित करते हैं.
मेले में क्या है खास:ध्वजाधारी आश्रम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले में झूले, खिलौने और खाने-पीने की कई दुकानें लगाई गई है. इधर मेला में आने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर जगह-जगह सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. साथ ही सीसीटीवी कैमरे से मेला की निगरानी की जा रही है. गौरतलब है कि यह ध्वजाधारी आश्रम बिहार-झारखंड की सीमा स्थित कोडरमा घाटी के किनारे है. इस ध्वजाधारी आश्रम के पास से ही एनएच 31 गुजरती है. ऐसे में श्रदालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए भारी और चार पहिया वाहनों के लिए रूट डाइवर्ट किया गया है.