कोडरमा:कोरोना संक्रमण के कारण समाज का हर तबका प्रभावित हुआ हैं. तकरीबन 40 दिनों तक कोडरमा जिले में संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के रूप में लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन में खाद्य समाग्री और स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़ बाकी सभी तरह के व्यवसाय पूरी तरह से बंद थे, ऐसे में जिले में कपड़ा धोने और इस्त्री करने वाले धोबियों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से खराब हो गयी हैं.
लॉकडाउन में तबाह हुआ लॉन्ड्री व्यवसाय
कोरोना संक्रमण ने बढ़ाई धोबी समाज की मुश्किलें, परिवार चलाना मुश्किल - The washermen community of Koderma in trouble due to the lockdown
कोरोना और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन के कारण कोडरमा का धोबी समाज मुश्किल में है. कपड़ा धोने और इस्त्री के लिए ग्राहक न मिलने से धोबियों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से खराब हो गई है, जिससे उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है.
कोरोना संक्रमण के कारण लोग घरों में कैद हैं जिस वजह से लॉन्ड्री का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है. संक्रमण के डर से लोग गंदे कपड़े धोने या इस्त्री करने के लिए लोग धोबी को देने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में धोबी समाज ग्राहकों के नहीं मिलने से परेशान हैं. उनके मुताबिक घरों में बंद लोगों की दिनचर्या हाफ पेंट और टीशर्ट में कट रही है. ऐसे में लोग कम से कम कपड़े साफ करवा रहे हैं जिस वजह से उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
भुखमरी की स्थिति उत्पन्न
कपड़े धोने वाले धोबियों ने बताया कि वैश्विक महामारी के कारण उन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में सरकार को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए. इधर कोरोना के घटते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने कोडरमा में सभी तरह की दुकानों को 2 बजे दोपहर तक खोलने की इजाजत दी है. लॉन्ड्री इस्त्री करने वाले धोबी भी अपने अपने दुकान खोलकर बैठे हैं लेकिन इसके बावजूद ग्राहकों के नहीं पहुंचने से वे परेशान हैं. उन लोगों का कहना है अगर ऐसी ही स्थिति रही तो फिर परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा.