कोडरमा:झारखंड में कोरोना (Corona In Jharkhand) की तीसरी लहर दिखने लगी है. कोडरमा कोरोना का हॉट स्पॉट बनता दिख रहा है. कोडरमा में पिछले 15 दिनों में कोरोना के 400 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय टीम ने भी कोडरमा का दौरा किया और स्वास्थ्य विभाग को टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान देने के निर्देश दिए थे. लेकिन इसके बाद भी दूसरे राज्यों से कोडरमा आने वालों की जांच नहीं की जा रही है.
कोडरमा में कोरोना संक्रमण (Corona In Koderma) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोडरमा उपायुक्त ने 20 जनवरी तक वैक्सिनेशन के लक्ष्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, उन्होंने दूसरे राज्य से सटी सीमा पर कोरोना जांच कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं. लेकिन कोडरमा से सटे बिहार-झारखंड को जोड़ने वाले बागीतांड चेकनाका पर ना ही किसी तरह का कोरोना जांच कैंप लगा हैं और ना ही बागीतांड चेकनाका पर किसी दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है.
झारखंड में बढ़ते कोरोना के मामले के बाद भी प्रशासन लापरवाह, बॉर्डर पर नहीं हो रही कोविड की जांच
झारखंड में कोरोना (Corona In Jharkhand) तेजी से पैर पसार रहा है. सीएम हेमंत सोरेने ने इसे नियंत्रित करने के लिए झारखंड में कई तरह के प्रतिबंध (Restrictions In Jharkhand) भी लगाए हैं. हालांकि कुछ जगहों पर लापरवाही देखी जा रही है. दूसरे राज्यों से झारखंड में प्रवेश करने वालों की कोरोना जांच नहीं की जा रही है. इससे झारखंड में मामले और बढ़ सकते हैं.
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बॉर्डर इलाके से बेहिचक लोग बिहार से झारखंड में इंट्री करते दिख रहें हैं. ये हाल तब है जब बिहार में ओमीक्रोन (Omicron in Bihar) के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, सीएम नीतीश कुमार की जनता दरबार में 6 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. बिहार से जुड़ने वाले बागीतांड चेकनाका पर किसी तरह की कोरोना जांच न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है. इधर राज्य सरकार ने भी संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल, कॉलेज, जू, जिम को अगले आदेश तक बंद करने के निर्देश दिया है.