कोडरमा:महापर्व छठ (chhath 2021) की शुरुआत हो चुकी है.छठ व्रतियों के लिए फलों की मंडी सज कर तैयार है. यहां कश्मीर के सेव, मद्रास के केले, नागपुर के संतरे है तो आंध्र प्रदेश के नारियल भी हैं. इन तमाम फलों से झुमरी तिलैया की मंडी सज चुकी है. छठ व्रतियों या फिर उनके परिजनों की भीड़ भी फलों की खरीददारी के लिए उमड़ रही है. झुमरी तिलैया स्तिथ कृषि उत्पादन बाजार समिति में बड़े पैमाने पर फलों की थोक मंडी सजी है. यहां लगातार बड़े पैमाने पर दूसरे प्रदेशों से फलों का आना जारी है.
chhath 2021: कश्मीर के सेब, चेन्नई के केले और नागपुर के संतरे से पटा फल बाजार, छठ की छटा से मंडी हुआ गुलजार
महापर्व छठ (chhath 2021) की शुरुआत हो चुकी है. आज खरना के साथ ही छठ वृति 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करेंगे. उससे पहले छठ के दौरान इस्तेमाल होने वाले प्रसाद की खरीदारी के लिए बाजार में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. कोडरमा के फल मंडी में देश के अलग-अलग प्रदेशों से फलों की खेप पहुंच रही है.
कृषि उत्पादन बाजार समिति में आस पास के इलाके से फलों के व्यवसायी खरीदारी करते दिख रहें हैं. इसके साथ ही इस बाजार समिति में स्थानीय छठ व्रती भी फलों की खरीददारी कर रहे हैं. हालांकि इस बार फलों की कीमत में 30 से 40 फीसदी का इजाफा है वाबजूद इसके महंगाई पर आस्था भारी दिख रही है. लोग छठ के लिए फलों की जमकर खरीददारी कर रहें हैं. फलों के थोक व्यवसायी अंकित सिंह ने बताया कि उनके पास कश्मीर और हिमाचल के सेब के अलग-अलग वैरायटीज उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि इस बार बिहार के वैशाली से केला नहीं आ पाया हैं क्योंकि बारिश के कारण वहां पानी भरा पड़ा है इसलिए जो भी केला मंडी में पहुंचा हैं वह चेन्नई से आए हैं. चेन्नई से केले लाए जाने के कारण ही इसकी कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है.
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झुमरी तिलैया स्तिथ कृषि उत्पादन बाजार समिति परिसर में दूसरे दूसरे प्रदेशों से आए फलों के ट्रकों को अनलोड किया जा रहा हैं. वहीं, छठ के सूप पर सजने वाले अदरक, गाजर, पानी फल, शकरकंद, चुकंदर, मूली समेत अन्य फल इस थोक मंडी के साथ खुदरा मंडी में पड़े पैमाने पर उपलब्ध हैं. अब दो दिनों तक फलों का बाजार यूं ही गुलजार रहने की उम्मीद है. झुमरी तिलैया के कृषि उत्पादन बाजार समिति में बरही चौपारण, बरकट्ठा, रजौली, नवादा, डोमचांच, नवलशाही, जमुवा से फलों के थोक व्यवसायी पहुंचते हैं और फलों की खरीदारी कर अपने अपने इलाके में बेचते हैं. ऐसे में कहा जा सकता हैं कि इस बार छठव्रतियों के सूप और दउरा में अलग-अलग प्रदेशो के फल देखने को मिलेगा. आज खरना के साथ ही छठ वृति 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करेंगे. कल डूबते सूर्य के अर्घ्य दिया जाएगा और गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ यह पर्व खत्म हो जाएगा.