कोडरमा: जिला में बाल विवाह उन्मूलन को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार और सत्यार्थी फाउंडेशन की ओर से संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत डोमचांच प्रखंड के रायडीह गांव में रात्रि चौपाल का आयोजन किया गया. जहां लोगों को बाल विवाह उन्मूलन को लेकर कानूनी पहलुओं की जानकारी दी गई. वहीं जागरुकता फिल्म दिखाकर लोगों से इस मुहिम में शामिल होने की अपील भी की गई.
कोडरमा में बाल विवाह उन्मूलन के लिए चलाया जा रहा अभियान, रात्रि चौपाल के जरिए किया गया जागरूक - Koderma News
कोडरमा के सुदूरवर्ती इलाकों में बाल विवाह उन्मूलन को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. रात्रि और संध्या चौपाल के जरिए यहां लोगों को बाल विवाह से होने वाली परेशानियों के बारे में बताया जा रहा है, वहीं बाल विवाह से जुड़ी फिल्म दिखा कर लोगों से बाल विवाह रोकने की अपील की जा रही है.
इसे भी पढ़ें:पलामू में 48 घंटे में रोका गया दो बाल विवाह, परिजनों को दी सही उम्र में शादी कराने की हिदायत
बाल विवाह उन्मूलन के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान के प्रथम चरण का समापन डोमचांच प्रखंड के रायडीह गांव में किया गया. एक महीना तक चले इस अभियान के जरिए जिले के विभिन्न गांव में पांच नाबालिगों का बाल विवाह होने से रोका गया और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि अभियान की शुरुआत राजा राममोहन राय ने की थी. उस अभियान को निरंतर चलाने की आवश्यकता है ताकि बच्चियों की जिंदगी सुरक्षित हो और उन्हें अपने सपनों को साकार करने का मौका मिल सके. उन्होंने कहा बाल विवाह अभिशाप है और हम सभी इसके दुष्परिणामों से वाकिफ भी हैं. बावजूद इसके बाल विवाह के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में इन जागरुकता कार्यक्रमों के अलावा सामाजिक चेतना से ही बाल विवाह का उन्मूलन संभव है.