कोडरमा:डोमचांच प्रखंड के कुंडीधनवार पंचायत के नीमाडीह गांव में पानी के लिए जद्दोजहद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर दिन पानी की व्यवस्था करने में लोगों को चार घंटे का वक्त लगता है. ग्रामीण चुआं खोदकर पानी पीने को मजबूर हैं. पानी की जद्दोजहद के कारण कोई अपनी बेटी का रिश्ता इस गांव में नहीं रहना चाहता.
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पानी के कारण चौपट हो रहा युवाओं का भविष्य
गांव की महिलाएं बताती हैं कि उन लोगों की जिंदगी किसी तरह कट रही है. लेकिन ऐसी स्थिति रही तो उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है. गांव में कोई अपनी बेटी का शादी नहीं करना चाहता और इसके कारण युवाओं की उम्र निकलती जा रही है. गांव में जो लोग रिश्ता लेकर आते हैं, पहले पानी की ही बात करते हैं. जब यह पता चलता है कि पानी के लिए घंटों जद्दोजहद करनी पड़ती है तब लोग वापस लौट जाते हैं.
पानी के लिए घंटों करते हैं जद्दोजहद
करीब 500 की आबादी वाले नीमाडीह गांव के लोग केशो नदी पर निर्भर हैं. नहाने से लेकर पीने तक में इसी नदी के पानी का इस्तेमाल करते हैं. गांव के लोगों का हर दिन तीन से चार घंटे का वक्त नदी के किनारे गुजरता है. पीने के पानी का इंतजाम करने में घंटों जाते हैं. लोगों का कहना है कि कई वर्षों से यहां पानी की समस्या है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देता.
ग्रामीण चुआं खोदकर पानी पीने को मजबूर हैं. दम तोड़ रही सभी योजनाएं
गांव में जलापूर्ति योजनाएं भी बहाल की गई है लेकिन इस गांव में सारी योजनाएं दम तोड़ रही है. गांव में पानी का लेयर ही नहीं है. उपायुक्त आदित्य रंजन से जब इसको लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि इसके लिए गांव में अधिकारियों को भेजा जाएगा. ग्रामीणों को जो भी दिक्कत होगी, उसका समाधान किया जाएगा. उम्मीद है समस्या को लेकर जल्द पहल की जाएगी ताकि गांव के लोगों को इस जद्दोजहद से छुटकारा मिले और आने वाली पीढ़ियों को भी परेशानी न झेलनी पड़े.
बारिश के दिनों में नदी में तो पानी रहता है लेकिन गर्मी में पूरी तरह नदी सूख जाती है.