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खूंटी में ग्रामीणों ने तोरपा सीओ को बनाया बंधक, स्वामित्व योजना का ड्रोन सर्वे करने पहुंचे थे अधिकारी

खूंटी में तोरपा सीओ सच्चिदानंद वर्मा बुधवार को ड्रोन सर्वे करने कोरकोटोली पहुंचे. लेकिन ग्रामीणों ने सर्वे कार्य का विरोध करते हुए सीओ को बंधक बना लिया. हालांकि, तोरपा पुलिस को घटना की सूचना मिली तो घटनास्थल पहुंची और सीओ को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़वाया.

Khunti in Torpa
खूंटी में ग्रामीणों ने तोरपा सीओ को बनाया बंधक

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Published : Mar 2, 2022, 10:55 PM IST

खूंटीःकेंद्र सरकार की योजना भूमि स्वामित्व, जिसका ड्रोन सर्वे करने बुधवार को सीओ सच्चिदानंद वर्मा कोरकोटोली पहुंचे. इसी दौरान सर्वे का विरोध करने वाले दर्जनों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे और सीओ को बंधक बनाकर प्रदर्शन करने लगे. हालांकि, घटना की सूचना तोरपा पुलिस को मिली तो तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और बंधक बने सीओ को ग्रामीणों से छुड़वाकर अपने साथ ले गई.

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सैकड़ों की संख्या में पहुंचे महिला पुरुष ने सीओ से स्वामित्व योजना से संबंधित कई सवाल पूछे. लेकिन सीओ ने ग्रामीणों के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया. इसके बाद ग्रामीण ज्यादा उग्र होकर विरोध करने लगे. बता दें कि कोरकोटोली स्थित कारो नदी के किनारे जीपीएस इंस्टॉल किया गया है, ताकि ड्रोन सर्वे आसानी से किया जा सके. बुधवार को सीओ सच्चिदानंद वर्मा सर्वे टीम के साथ कारो नदी किनारे पहुंचे और सर्वे करवाने लगे.

इसी दौरान कोरकोटोली के लोग कारो नदी के समीप जुटने लगे और सर्वे कार्य बंद करवाने लगे. इसके साथ ही अम्मा पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण नदी किनारे पहुंच गए और विरोध करने लगे. ग्रामीणों ने कहा कि 8 मार्च को खूंटी में स्वामित्व योजना को लेकर एक आम सभा बुलाया गया है. इस आमसभा के बाद उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा. इससे पहले कोई सर्वे नहीं करने देंगे. थाना प्रभारी मुन्ना सिंह और सीओ ने ग्रामीणों की बात को स्वीकार करते हुए लौट गए.

बता दें कि जिले में जब से ड्रोन सर्वे की शुरुआत हुई है, तब से लगातार ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. पिछले कुछ माह से कई संगठन लगातार आवाज भी उठा रहे हैं. 28 फरवरी को भी झारखंड विधानसभा के समक्ष आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, मुंडारी खूंटकटी परिषद और आदिवासी एकता मंच की ओर से विरोध जाहिर किया है. ग्रामीणों ने बताया कि भूमि स्वामित्व कार्ड योजना से जमीन पर स्थानीय समुदाय का अधिकार प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि हमारी जमीन को पूंजीपतियों को दे दी जायेगी. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र और सीएनटी एक्ट क्षेत्र के आदिवासी बहुल गांवों के ग्राम सभाओं को इस स्कीम के बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी गई है. इससे इस सर्वे का विरोध किया जा रहा है.

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