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खूंटी की महिलाएं बंजर भूमि में हरा सोना उगाकर पेश कर रही मिसाल, देखने पहुंची विदेश से 12 सदस्यीय टीम

नीदरलैंड, पुर्तगाल और चीन से बारह सदस्यीय दल पहुंचा खूंटी पहुंचा है. विदेशी दल ने सिनजिंटा फाउंडेशन और प्रदान के संयुक्त सहयोग से लगाए गए सोलर चालित माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम को देखा कि कैसे महिलाएं इसका फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती कर रही हैं.

Twelve member party reached khunti
विदेश से 12 सदस्यीय टीम

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Published : Jan 11, 2020, 6:08 PM IST

खूटी: जनवरी के महीने में फॉल में पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है. लोग झारखंड के प्राकृतिक मनोरम दृश्य का लुत्फ उठाते हैं, लेकिन खूंटी जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में अब विदेशी मेहमान नली-नाले और फॉल को देखने नहीं बल्कि तोरपा इलाके में महिला संघ की सदस्य किस तरह बंजर भूमि में हरा सोना उगा रही हैं. इसे देखने और समझने आते हैं.

देखिए पूरी खबर

बारह सदस्यीय दल खूंटी पहुंचा
नीदरलैंड, पुर्तगाल और चीन से बारह सदस्यीय दल पहुंचा खूंटी पहुंचा है. गैर सरकारी संस्था प्रदान लगातार तोरपा के गुफू, बोतलो, लोहाजिमी, फटका इलाके में महिलाओं के साथ ग्रामीण आजीविका पर कार्य करता रहा है. ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग के सहयोग से मनरेगा के तहत कई महिला मंडलों ने आम बागवानी, समेकित कृषि कार्य, नगदी फसलों की खेती, मुर्गी पालन, मधुपालन, बकरीपालन, सुकरपालन, मशरूम उत्पादन और मछली पालन जैसे आजीविका के माध्यमों ने तोरपा प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है.

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महिलाओं को मिल रहा गैर सरकारी संस्था का सहयोग
विदेशी दल ने सिनजिंटा फाउंडेशन और प्रदान के संयुक्त सहयोग से लगाए गए सोलर चालित माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम को देखा कि कैसे महिलाएं इसका फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती कर रही हैं. कई महिलाएं आज की तारीख में एक लाख से लेकर दो-ढाई लाख तक की आमदनी कर रही हैं.

बंजर भूमि बनी उपजाऊ
तोरपा महिला संघ की महिलाएं प्रदान और जिला प्रशासन के सहयोग से बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर एक नई मिसाल बन गयी हैं. अब तोरपा महिला संघ की महिलाएं बाहर से आने वालों को नदी-नाले और फॉल नहीं दिखाती. विदेश से आने वाले अतिथियों को जमीन से उगायी जाने वाली हरे सोने का विस्तारपूर्वक वर्णन करती हैं.

आइकिया फाउंडेशन के दल ने की सराहना
पहले इन महिलाओं की माली हालत कैसी थी और अब उसी बंजर जमीन में समेकित कृषि पद्धति ने कैसे उन्हें आगे बढ़ाया. इसकी बानगी अब विदेशी मुल्कों में भी सुनाई पड़ेगी. अलग-अलग देशों से आए आइकिया फाउंडेशन के सदस्यों ने तोरपा में महिला संघ के आर्थिक विकास की खूब सराहना की और नक्सल प्रभावित इलाका होने के बावजूद सुदूरवर्ती इलाकों के भ्रमण में पुलिस प्रशासन के सहयोग की भी तारीफ की.

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लगातार तीन दिनों तक आइकिया फाउंडेशन के सदस्यों ने ग्रामीण आजीविका पद्धति का अध्ययन किया. महिलाओं ने अपनी-अपनी जीरो से हीरो बनने की कहानी उनके साथ साझा की. पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए विकास की ओर बढ़ना विदेशी मेहमानों के लिए किसी नदी-नालों या फॉल की सुंदरता से ज्यादा आकर्षक लगा.

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