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कोरोना मरीज मिलने पर ग्रामीणों ने दी सहिया को जान से मारने की धमकी, मामले पर अधिकारी चुप

खूंटी में 20 कोरोना मरीज मिलने के बाद ग्रामीण सहिया को दोषी ठहरा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि सहिया गांव में जांच करने आई और कोरोना फैलाई है. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए मुखिया ने पूरे मामले को संभाला और सहिया को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

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सहिया को जान से मारने की धमकी

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Published : Sep 26, 2020, 12:10 PM IST

खूंटी: जिले के डंडोल गांव में सहिया को जान से मारने की धमकी का मामला सामने आया है. गांव में इस समय कोरोना जांच शिविर के माध्यम से लोगों की जांच की जा रही है. इसमें 20 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद ग्रामीणों ने सहिया पर आरोप लगाया कि इसके कारण ही गांव में कोरोना आया है.

देखिए पूरी खबर

बात तब बाहर आई जब डंडोल गांव में कोविड-19 को लेकर ग्रामीणों की जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर लगवाया गया था. सहिया ने पूरे गांव में सूचना देकर लोगों को जांच शिविर में भाग लेने को कहा. पूरे गांव के 84 लोगों की कोरोना सैंपल लेकर जांच की गई. जांच में 84 में से 20 कोरोना पॉजिटिव निकले. एक साथ 20 कोरोना मरीज मिलने से ग्रामीण आग बबूला हो गए और कहा कि सहिया के कारण ही गांव में कोरोना के मामले आए हैं. बात पूरे गांव में फैली और पूरे गांव के लोग मिलकर सहिया को मारने की योजना बना रहे थे.

मुखिया ने कराया मामला शांत

गांव की महिलाएं भी सहिया को देर रात घेरकर पत्थर से कूचकर मारने की धमकी दे रही थी. आनन-फानन में सहिया ने अपने सीनियर एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को फोन किया. मुखिया को भी मामले की जानकारी दी गयी. देर रात मुखिया ने थाना और अंचलाधिकारी को फोन किया, लेकिन अंचलाधिकारी ने भी सहियाओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखाई और अपनी व्यस्तता दिखाकर मामले से पल्ला झाड़ लिया. तब मुखिया के पहल पर किसी तरह मामला शांत कराया गया और सहिया को ग्रामीणों के आक्रोश से बचाया जा सका.

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इस घटना के बाद स्वास्थ्य कर्मियों और सहिया, सेविका और नर्सों में दहशत का माहौल बन गया है. भुक्तभोगी सहिया के समर्थन में शनिवार को बड़ी संख्या में सेविका सदर अस्पताल पहुंची और सिविल सर्जन को मामले की पूरी जानकारी दी. इसके साथ ही प्रत्येक गांव में कोरोना जांच के समय लगने वाले कैंप में सुरक्षा की भी मांग की. मामले को लेकर सिविल सर्जन ने कैमरे पर कुछ कहने से मना किया. हालांकि, सहियाओं से बातचीत के दौरान कहा कि दिक्कतें तो हैं और उन लोगों को डर होने के कारण आपलोगों का कोई मदद नहीं कर पाया.

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