खूंटीः जिले में एक मुस्लिम महिला सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल हैं. वो महिला हैं साजदा खातून. साजदा 70 साल की उम्र में भी महावीरी पताका का दुकान लगाती है. इस काम में पूरा परिवार उनका साथ देता है. साजदा इस काम को इबादत मानती हैं.
ये भी पढ़ेंःधनबाद में रामनवमी पर सांप्रदायिक सौहार्द्र का नजारा, मुसलमानों ने सजाई ध्वजा और बांस की दुकान
रामनवमी के मौके पर महावीरी पताका सिलकर उसे बेचने की 50 साल पुरानी परंपरा खूंटी के मरहूम हुसैन के परिवार की है, जिसे वो बखूबी अंजाम दे रहे हैं. महज एक शौक से शुरू होकर आज जुनून बन चुके मरहूम हुसैन के परिवार के लिए महावीरी पताका की सिलाई खुदा के इबादत है. 70 वर्षीय साजदा खातून को अपने इस काम में पूरे परिवार का साथ मिलता है. यही कारण है कि एक झंडे से शुरू हुई परंपरा आज हजारों झंडे तक जा पहुंची है.