खूंटी: जिले के अड़की प्रखंड का तेलंगाडीह गांव में सिर्फ आदिम जनजाति बिरहोर के 18 परिवार रहते हैं. लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन के बीच जब सांसद प्रतिनिधि और राशन वितरक बिरहोर कॉलोनी पहुंचे तो बिरहोरों ने लॉकडाउन की संकट की घड़ी में राहत की सांस ली. हर एक परिवार को सरकार की ओर से मिलने वाला दो महीने का अनाज दिया गया.
बता दें कि अड़की प्रखंड के तेलंगाडीह में निवास करने वाले लुप्तप्राय आदिम जनजातियों का पेशा रस्सी बनाना है. बहुत कम पढ़े लिखे बिरहोर सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं पर ही अब गुजर बसर करते हैं. सुदूरवर्ती, सीमावर्ती और उग्रवाद प्रभावित इलाके होने के कारण बहुत कम सरकारी कर्मियों और जनप्रतिनिधियों का आना जाना होता है. कोरोना को लेकर लंबे अंतराल से चल रहे लॉकडाउन के बीच कच्चा माल नहीं मिलने से इनका रस्सी बनाने का धंधा भी बंद सा हो गया है.