खूंटीः भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर का खूंटी में विरोध शुरू हो गया है(Protest against Bharat Mala project in Khunti ). खूंटी के कचहरी मैदान में जुटी ग्रामीणों की भीड़ ने कहा कि हमलोगों ने सरकार बनाई है तो सरकार हमलोगों की जमीन कैसे छीन सकती है. पड़हा राजा के नेतृत्व में भारत माला परियोजना का विरोध करने भारी संख्या में ग्रामीण खूंटी पहुंचे. ग्रामीणों को संबोधित करते हुऐ पड़हा राजा सोमा मुंडा ने कहा कि सड़क के लिए पहले ही जमीन दी जा चुकी है, जहां कभी सड़क नहीं बनी और अब चौड़ीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाना गलत है. उन्होंने कहा कि एक इंच जमीन नही देंगे.
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एनएच 75 ई में भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर का खूंटी और मुरहू में विरोध शुरू हो गया है. खूंटी और मुरहू के 42 गांव के ग्रामीणों ने ग्रामसभा की बैठक में सड़क चौड़ीकरण के लिए भूमि नहीं देने का फैसला किया है. ग्रामसभा के फैसले से प्रशासन को अवगत कराने के लिए विभिन्न ग्रामसभाओं द्वारा अंचलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जा रहा है. इसी के तहत मंगलवार को खूंटी प्रखंड के फुदी पंचायत अंतर्गत डूंगरा के ग्रामीणों ने खूंटी सीओ मधुश्री मिश्रा को ज्ञापन सौंपा.
सीओ को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि खूंटी से गुजरने वाली एनएच 75 ई में भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए ग्रामीण अपनी भूमि नही देंगे. ग्रामीणों ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के लिए पूर्व में ही ग्रामीणों ने अपनी भूमि दी है. अब यदि फिर से जमीन देना पड़े तो ग्रामीण भूमिहीन हो जाएंगे. इससे उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में पीडब्ल्यूडी को जितनी जमीन दी गई थी. उसमें अभी भी चौड़े सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. उसी भूमि को इस्तेमाल करते हुए सड़क का चौड़ीकरण किया जाए.
ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सरकार या प्रशासन जबरन जमीन लेगी तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. ज्ञापन देने से पूर्व सामुएल सांगा के नेतृत्व में डूंगरा, कालामाटी, फुद्दी, कनाडीह, जियारप्पा, हूटार होमाटोली, बिरहु पतराटोली के सैकड़ों ग्रामीणों की बैठक कचहरी मैदान में हुई. मौके पर ग्रामीणों ने भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर का विरोध किया और एक इंच भी भूमि नही देने का फैसला किया.