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सामने आया खूंटी पुलिस का मानवीय चेहरा, मरीजों के इलाज में कर रही मदद

कोरोना महामारी में ग्रामीणों में वैक्सिनेशन को लेकर जो भ्रांतियां है, इससे वैक्सिनेशन कार्यक्रम में खासा असर पड़ रहा है. खूंटी के कई इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं भी सामने आ रही है. इन्ही घटनाओं के बीच झारखंड पुलिस का जिला में मानवीय चेहरा सामने आया है. पुलिस पूरी व्यवस्था बनाने के साथ-साथ अस्वस्थ लोगों के इलाज में सहयोग के लिए आगे आई है.

Human face of police shown in khunti
खूंटी में दिखा पुलिस का मानवीय चेहरा

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Published : Jun 3, 2021, 7:33 AM IST

खूंटी:कोरोना काल के दौरान ग्रामीण क्षेत्री में वैक्सिनेशन को लेकर में जो भ्रांतियां है, इससे वैक्सिनेशन कार्यक्रम में खासा असर पड़ रहा है. खूंटी के कई इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं भी सामने आ रही है. इन्ही घटनाओं के बीच झारखंड पुलिस का जिला में मानवीय चेहरा सामने आया है. पुलिस विधि-व्यवस्था बनाने के साथ-साथ अस्वस्थ लोगों के इलाज में सहयोग के लिए आगे आई है.

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पुलिस का मानवीय चेहरा

जिला के तोरपा पुलिस को सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के उनुक्दा के साकेटोली गांव की एक वृद्ध सोमरी भेंगरा महिला लंबे समय से बीमार है. परिजन कोरोना के डर से महिला की इलाज कराने से भी कतरा रहे थे. ऐसे में पुलिस की टीम, डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर वृद्ध महिला के घर पहुंची. महिला का समुचित इलाज कराया. यह क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के साथ-साथ अंधविश्वास और रूढ़िवादिता से घिरा हुआ है. यहां पहुंच पाना भी कठिन है. इसलिए पुलिस पैदल ही पगडंडियों के रास्ते पैदल चलकर गांव पहुंची.

वृद्धा की इलाज के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पहुंची गांव
पुलिस और स्वास्थ्य टीम गांव पहुंची, वहां सन्नाटा पसरा हुआ था. बीमार वृद्धा सोमरी के घर सुरक्षा के बीच उनके घर डॉक्टरों की टीम अंदर गई. लेकिन उसके बेटे ने इलाज नहीं करने को लेकर विरोध किया. पुलिस और डॉक्टरों ने वृद्ध महिला के बेटे को समझाया, तब इलाज शुरू हुआ. लेकिन घर में वृद्ध महिला का इलाज संभव नहीं था. बावजूद डॉक्टरों ने घर में ही इलाज कर दवाइयां दी. वृद्ध महिला के बेटे का कहना है कि उसकी माता को अगर अस्पताल ले जाया जाएगा, तो उसकी मौत हो जाएगी. अस्पताल में कोरोना हो जाएगा और उसे इंजेक्शन दिए जाएंगे, जिससे उसकी मां की मौत हो जाएगी.

झारखंड पुलिस की यह कदम काफी सराहनीय

डॉक्टरों का कहना है कि ग्रामीणों में ऐसी भ्रांतियां फैली है कि लोग अब खुलकर स्वास्थ्य कर्मियों का विरोध करने लगे है. इस वृद्ध महिला का इलाज संभव इसलिए भी हो पाया क्योंकि पुलिस ने मदद की. अगर पुलिस सहयोग नहीं करती तो शायद इस महिला का इलाज कर पाना मुश्किल था. डॉक्टरों ने तो भले ही वृद्ध महिला का चेकअप कर दवाइयां दे दी, अगर उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता तो बेहतर इलाज हो पाता. वैक्सिनेशन और सामान्य बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की अफवाहें है. जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों को गांव में घुसने नहीं दे रहे है. ऐसे में झारखंड पुलिस की यह कदम काफी सराहनीय है.

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