खूंटीः यूं तो खूंटी जिला अफीम की खेती के लिए बदनाम रहा है. जिला के कई युवक और बुजुर्ग व्यक्ति आज भी सलाखों के पीछे एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा काट रहे हैं. 2020-21 में पुलिस ने कुछ युवकों को संदेह के आधार पर पकड़ा और अफीम खरीद बिक्री को लेकर थाना में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया. मामले ने तब नया मोड़ लिया जब न्यायालय को सबूत पेश करने के लिए संबंधित थाना पुलिस ने युवकों के पास से जब्त गीला काला पदार्थ को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री रांची भेजा गया. जांच में जब्त काला गीला पदार्थ शुगर निकला. इसके बाद खूंटी पुलिस ने जब्त मादक पदार्थ का सैंपल लेकर दोबारा जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री हैदराबाद भेजा. हैदराबाद फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की जांच रिपोर्ट में भी काला गीला पदार्थ अफीम नहीं बल्कि शुगर ही निकला. इसके बाद खुूटी न्यायालय ने साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार युवकों को जमानत दे दी और आखिर में केस को डिसमिस कर दिया. जिला के एसपी आशुतोष शेखर ने मामले पर कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा कि खूंटी पुलिस लीगल प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करती है और इस मामले में कुछ नहीं कह सकते हैं.
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ये पूरा वाकया है जिला के मारंगहादा थाना का. जिसमें पुलिस की करतूत की वजह से तीन आदिवासी युवकों को सात माह जेल की सजा काटनी पड़ी. लेकिन इन आदिवासी युवकों का नसीब अच्छा था कि तीनों को न्यायालय ने बरी कर दिया. न्यायालय ने पुलिस के उन सभी सबूतों और दस्तावेजों को दरकिनार करते हुए एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर उनको बरी किया है. मामला 21/20 केस से संबंधित है, जिसमें जिला के तीन आदिवासी युवकों को अफीम की खरीद बिक्री करने और भारी संख्या में अफीम और लाखों रुपए बरामदगी का आरोप लगाते हुए एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत कांड दर्ज कर इन्हें जेल भेजा गया था. खूंटी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए युवकों के पास से बरामद अफीम एफएसएल जांच में चीनी निकला. खूंटी पुलिस की डीडी किट की जांच में अफीम निकला जबकि एफएसएल का जांच में चीनी निकली. इस मामले को लेकर खूंटी पुलिस की फजीहत हो रही है. ये अनुसंधान है खूंटी पुलिस की, जिसमें अफीम और चीनी में अंतर बताने में पसीना छूट गए.
ईटीवी भारत की टीम पीड़ित के घर पहुंचीः खूंटी पुलिस ने जिन युवकों को जेल भेजा उसमें एक युवक के घर ईटीवी की टीम पहुंची. वो युवक कच्चा मकान के घर में अपने पिता के साथ रहता है और मजदूरी का काम करता है. अफीम और रुपए बरामदगी मामले में जेल भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व ही प्रदेश से मजदूरी करके लौटा था और जमा रुपयों को लेकर अपने दोस्तों के साथ बाइक खरीदने खूंटी जा रहा था. लेकिन रास्ते में पुलिस चेकिंग चल रही थी और रुकने का इशारा किया तो रुक गया. उसके बाद जवानों ने तलाशी ली और जेब में रखा डेढ़ लाख रुपया और सामान लेकर थाना ले गयी. युवक का आगे कहना है कि पुलिस ने उनकी जमकर पिटाई की. पिटाई के डर से उन्हें स्वीकारना पड़ा कि हमलोग अफीम बेचते हैं लेकिन हमारे पास अफीम नहीं था. जेल से छूटने के बाद पता चला कि पुलिस ने उन्हें अफीम तस्कर बना दिया. यही नहीं जब पीड़ित के पिता मारंगहादा थाना पहुंचे और ये जानने की कोशिश करने लगे कि उन्हें पुलिस ने क्यों पकड़ा तो उसके साथ भी मारपीट की गई और उसके पिता को छोड़ने के लिए रुपए मांगे गए. पीड़ित युवक के पिता ने कुछ रुपये पुलिस वालों को दिया और वहां से अपनी जान बचा कर निकले.