खूंटीः भाकपा माओवादी संगठन ने झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम बंद बुलाया है. खूंटी में शहरी इलाकों को छोड़ ग्रामीण इलाका पूरी तरह बंद का असर दिखा. खूंटी चाईबासा, खूंटी सिमडेगा और खूंटी तमाड़ की मुख्य सड़क सुनसान रहीं. लंबी दूरियों के वाहन नहीं चलने के कारण सड़कें सुनी रहीं. यात्रियों को बंद की जानकारी पहले से थी, जिसके कारण यात्री सड़कों पर नहीं दिखे.
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भाकपा माओवादियों के बुलाए गए बंद का असर सरकारी कार्यालय में भी देखने को मिला. मुरहू प्रखंड कार्यालय में नकसली बंदी का असर देखने को मिला. प्रखंड कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा, बंद के कारण प्रखंड पदाधिकारी भी अपने कार्यालय कक्ष में नहीं दिखे ना ही कार्यालय के कर्मी ही दफ्तर पहुंचे. हालांकि बीडीओ मिथिलेश कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि बंद के कारण कोई कार्यालय नहीं पहुंचा है जबकि वो क्षेत्र भ्रमण में हैं, जिसके कारण कार्यालय नही पहुंच पाए.
झारखंड में नक्सली बंद का असर ग्रामीण क्षेत्रों में खूब देखने को मिल रहा है. बंद को लेकर खूंटी पुलिस के जवान जंगलों में अभियान चला रहे हैं. जिसके कारण नक्सली जंगलों में दुबके हुए हैं. भाकपा माओवादियों के केंद्रीय कमिटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो के सदस्य कॉमरेड अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कबीर उर्फ कंचन दा की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने 5 अप्रैल को चार राज्यों में एकदिवसीय का आह्वान किया है. जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम में बंद का बुलाया है. भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमिटी के प्रवक्ता अभय और संकेत ने बंद को लेकर पत्र जारी कर इसका ऐलान किया है.
मुरहू प्रखंड कार्यालय में सन्नाटा