जानकारी देते खूंटी डीएफओ कुलदीप मीणा खूंटी: झारखंड में पहली बार जिले के खूंटी वन प्रमंडल ने 19 लाख की लागत से 10 बुलेट खरीदे हैं. वन विभाग ने वाइल्डलाइफ योजना के तहत खरीदे गए बुलेट को वन प्रमंडल क्षेत्र के पांच रेंज में बांटा है. जिसमे बुंडू, तमाड़, खूंटी, रनिया और कर्रा शामिल है. खूंटी वन प्रमंडल क्षेत्र में पांच रेंज है और 40 वनरक्षी है. जिसमें 10 बुलेट की खरीदारी पर विभाग के वनरक्षी से लेकर अधिकारी भी सवाल उठाने लगे हैं, अधिकारियों ने कहा कि आखिर जरूरत क्या थी इतनी बुलेट खरीदने की?
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डीएफओ कुलदीप मीणा ने कहा कि क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने के लिए बुलेट खरीदे गए हैं. जिले में खरीदे गए बुलेट पर प्रमंडल के कर्मी ही कई तरह की बात करने लगे हैं. वनरक्षियों ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि बुलेट की कोई जरूरत नहीं थी. 19 लाख की लागत से खरीदे गए बुलेट का फिलहाल कोई काम नहीं. उनलोगों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से ऐसे भी वनरक्षी ज्यादातर जंगल नहीं जाते और बुलेट लेकर कैसे जाया जा सकता है. कर्मियों ने यह भी बतायी कि वाहन भले ही खरीद कर सभी जोन में बांट दिए गए, लेकिन ये चलेगा कैसे इसका गाइडलाइन नहीं जारी किया गया है. बुलेट में तेल और इसका मेंटेनेंस कैसे किया जाएगा? ये बड़ा सवाल है.
गौरतलब है कि जिले में वनों की कटाई कर तस्कर जंगलों को साफ करने में जुटे है. तस्कर बेखौफ लकड़ी की तस्करी करते हैं. जिले में आये दिन सूचनाएं मिलती रहती हैं कि अड़की मुरहू इलाके से लकड़ी लदा ट्रक खूंटी और तमाड़ इलाके से निकल गया. कभी कभार पकड़ा जाए तो वन विभाग इसे बाद उपलब्धि मानती है. हाल के दिनों में लकड़ी लदे ट्रक में आगजनी की घटना के बाद से वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठे थे.