खूंटीः कानू मुंडा हत्याकांड, जमीन के खातिर अपने ही चचेरे भाई को दो टुकड़ों में बांट दिया. भाई की इतनी कुरुरता ऐसी कि धड़ से सिर अलग कर कटे हुए सिर के साथ फोटो भी खिंचवाई और भाई समेत सभी हत्यारों ने सेल्फी भी ली. भाई को पहले अगवा किया उसके बाद दर्दनाक मौत दे दी (Kanu Munda murder case in Khunti). इस घटना से खूंटीवासी मर्माहत हैं, खौफजदा हैं. 1 दिसंबर को अपने ही चचेरे भाई का अगवा किया और उसी दिन शाम को चचेरे भाई और भाभी ने अपने चार अन्य साथियों से मिलकर दर्दनाक हत्याकांड को अंजाम दिया. क्या है इस हत्याकांड के पीछे की सच्चाई, जानिए मुरहू इठे के कानू मुंडा हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी (Inside story of Kanu Munda murder case).
इसे भी पढ़ें- हैवानियतः जमीन की खातिर टुकड़ों में बांटा भाई का शरीर, कटे हुए सिर के साथ हत्यारों ने खिंचवाई फोटो
कानू मुंडा हत्याकांड की इनसाइड स्टोरीः कानू मुंडा को जब अगवा किया गया था उस समय वो चलने की हालत में नही था. गाड़ी से अपहरण कर उसे तपकारा के जंगल ले जाया गया. जहां कानू ने अपने चचेरे भाई से कहा भाई एक ही बार में मार देना, तड़पा-तड़पा कर मत मरना. इतना कहते ही आरोपियों ने कानू को पकड़ा और उसकी गला रेतने लगे. हत्यारों ने तोनो (एक प्रकार का धारदार हथियार) से कानू का गला रेत रहा था लेकिन गला नहीं कटा तो दूसरा हथियार से उसका गला काट दिया. इसके बाद उन हैवानों ने कानू का गला काटकर उस कटे हुए सिर के साथ सेल्फी ली और फोटोशूट करवाई. पुलिसिया पूछताछ में जैसा आरोपियों ने बताया कि कुछ देर शव के पास बैठा और घटनास्थल से 500 मीटर दूर शव को दफनाया दिया और उसके ऊपर नमक डाल दिया. आरोपियों ने मारे गए युवक का सिर और धड़ अलग-अलग जगह पर जमीन में गाड़ दिया गया.
कानू मुंडा हत्याकांड की पूरी जानकारी देते डीएसपी 2 दिसंबर को थाना में आवेदनः जिला के समाजसेवी इस घटना की घोर निंदा कर रहे हैं और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की प्रशासन से मांग कर रहे हैं. खूंटी जिला के मुरहू थाना क्षेत्र के इठे गांव निवासी दसाय मुंडा ने मुरहू थाना में बीते 2 दिसंबर को आवेदन देकर अपने बेटे कानू मुंडा के अपहरण होने का मामला दर्ज कराया था. आवेदन में कहा गया था कि कानू मुंडा का उसके चचेरे भाई सागर मुंडा और उसके दो अज्ञात साथियों ने अपहरण कर लिया. घर वालों ने कानू मुंडा की पूरे इलाके में तलाश की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. खूंटी के प्रभारी एसपी नौशाद आलम ने एक स्पेशल टीम गठित कर उसे मामले की जांच सौंपी.
कानू मुंडा हत्याकांड के पांच आरोपी गिरफ्तारः डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने छापेमारी कर अपहरण के मुख्य आरोपी समेत कानू मुंडा हत्याकांड के छह आरोपी गिरफ्तार किए गए. सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली. उनकी निशानदेही पर तपकारा के गोपला जंगल से दफनाया गया धड़ और मुरहू के पेलोल डैम किनारे डुलवा टोंगरी जंगल से कानू मुंडा का कटा हुआ सिर बरामद किया गया. इन दोनों स्थानों के बीच 15 किलोमीटर की दूरी है.
कानू मुंडा हत्याकांड की निंदा जमीन विवाद में हत्याः कानू मुंडा की हत्या का कारण जमीन विवाद बताया सामने आया (cousin killed brother for land in khunti) है. खूंटी के रिहायशी इलाके में दो एकड़ पुश्तैनी जमीन है और उसी जमीन को हथियाने की मंशा थी लेकिन पिता उस जमीन को नहीं दे रहे थे क्योंकि उसी जमीन से उनके परिवार का गुजर बसर हो रहा था. रिहायशी इलाके में जमीन की कीमत करोड़ों में है और उस जमीन का सौदा कर उस रुपये से हत्याकांड में शामिल आरोपियों को भी पैसा देना था. दसाय मुंडा के पुत्र की हत्या इसलिए कर दी गयी क्योंकि कानू मुंडा घर का इकलौता पुत्र था और उसे रास्ते से इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वो सारी संपत्ति का मालिक हो जाता.
कानू मुंडा की हत्या के आरोपी में गिरफ्तार किए गए लोगों में सागर मुंडा (चचेरा भाई), सीनू मुंडा (कानू का भाई), अमरजीत पूर्ति, जय मसीह ओडेया, अनमोल टूटी और चांदमुनी गुड़िया शामिल हैं. चांदमुनी कानू की भाभी हैं और हत्यारे सागर मुंडा की पत्नी है. कानू मुंडा का चचेरा भाई सागर मुंडा पूर्व का अपराधी रहा है और कई मामलों में जेल भी जा चुका है. कानू मुंडा हत्याकांड में शामिल अपराधियों से सागर की जेल में ही जान पहचान हुई थी. जेल से निकलने के बाद सागर मुंडा ने अपने भाई कानू मुंडा की हत्या का योजना बनाने लगा लेकिन कामयाब नही हुआ.
दो महीने की थी प्लानिंगः कानू मुंडा की नृशंस हत्या करने वाला हत्यारा सागर मुंडा ने सबसे पहले खूंटी में एक किराए का घर लिया और हत्या की योजना बनाना शुरू किया. दो माह तक हत्या की योजना बनाई और दिसंबर महीने के पहली तारीख को कानू मुंडा का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि इससे पहले भी सागर ने कानू मुंडा को मारने का प्रयास किया था, जिससे उसका पैर टूट गया. ये घटना 15 दिन की है लेकिन आरोपियों के डर से कानू का परिवार चुप था. इसी चुप्पी के कारण सागर मुंडा ने 1 दिसंबर को कानू मुंडा का अपहरण कर लिया और हत्याकांड को अंजाम दिया.
बरामद मोबाइल में हत्या की पूरी रिकॉर्डिंगःडीएसपी अमित कुमार ने बताया कि कानू मुंडा अपहरण कांड सुलझाना बड़ी चुनौती थी. इसके बावजूद कड़ी मेहनत और तकनीकी मदद से आरोपियों को पकड़ा जा सका. समय रहते अगर आरोपी नहीं पकड़े जाते तो शायद सभी आरोपी ओड़िशा भाग जाते. लेकिन तकनीकी मदद और सिमडेगा पुलिस के सहयोग से भाग रहे सभी आरोपियों को बानो से गिरफ्तार किया गया (Six accused arrested in Kanu Munda murder). गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए और उनके पास से बरामद मोबाइल ने हत्याकांड से पर्दा उठा दिया. मोबाइल में कैद तस्वीरें और वीडियो ने कानू मुंडा हत्याकांड की गुत्थी सुलझा दी. इस वीडियो में हत्यारों की क्रूरता देखने को मिली. कानू का सिर धड़ से अलग करने से लेकर हत्या के बाद की सारी वीडियो मोबाइल में कैद की गयी थी. डीएसपी ने कहा कि इसके अलावा हत्या करने के दौरान कानू की चीख पुकार, मर्डर के बाद कानू का कटे हुए सिर के साथ फोटोशूट आरोपियों की क्रूरता बयां कर रहा था, वाकई में पूरी वारदात दिल दहला देने वाली है. डीएसपी ने बताया कि खूंटी पुलिस ऐसे हत्यारों को कठोर सजा दिलाने का पूरा प्रयास करेगी.