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खूंटी में धड़ल्ले से चल रहा रेत का काला कारोबार, खनन माफियाओं के आगे पुलिस प्रशासन नतमस्तक

खूंटी में इन दिनों धड़ल्ले से सफेद रेत का काला कारोबार चल रहा है. रात होते ही नदियों के घाटों से अवैध बालू का उठाव शुरू हो जाता (Illegal Mining Of Sand Continues In Khunti) है. वहीं बालू माफियाओं के विरुद्ध पुलिस प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है.

Illegal Mining Of Sand Continues In Khunti
Illegal Mining Of Sand Continues In Khunti

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Published : Dec 4, 2022, 8:21 PM IST

खूंटीः जिले में बालू का अवैध खनन और परिवहन बदस्तूर जारी है. इसे रोक पाने में प्रशासन पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है. जिला प्रशासन और खनन विभाग के लाख दावों के बावजूद जिले की नदियों का सीना चीर कर जिस तरीके से बालू का उठाव हो (Illegal Mining Of Sand Continues In Khunti) रहा है. यह प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े करता है.

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जिले में इन नदियों के घाटों से हो रहा अवैध बालू का उठावः जिले के अड़की के कांची नदी, मुरहू के बनइ नदी, रनिया के सोदे नदी, तोरपा के गीडुम और अब जरियागढ़ थाना के बकसपुर ओपी के पीछे से छाता नदी से बालू का खनन धड़ल्ले से हो रहा है.

शाम ढलते ही शुरू हो जाता है सफेद रेत का काला कारोबारः खूंटी का बालू राजधानी से लेकर दूसरे जिलों में आधी रात से सप्लाई होने लगती है. शाम ढलते ही सफेद रेत का काला कारोबार शुरू हो जाता है. पुलिस प्रशासन की लाख पाबंदियों के बावजूद बालू माफिया उनके नाक के नीचे से यह गोरखधंधा चला रहे (Police Failed To Stop Illegal Sand Mining)हैं.

छाता नदी से धड़ल्ले से हो रहा बालू का अवैध उठावः खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना के बकसपुर ओपी के पीछे स्तिथ छाता नदी से रात के अंधेरे में अवैध बालू खनन का गोरखधंधा परवान पर रहता है. तोरपा वाया जरियागढ़ वाया कर्रा-रांची मुख्य मार्ग में पुलिस थाना भी है, उसके बावजूद बालू माफिया हाइवा और ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई करते (Administration Bows Down Before Mining Mafia) हैं. यहां से बालू झारखंड के अन्य जिले सहित दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है. इससे राज्य सरकार काे हर माह करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है.

प्रतिदिन 60-70 गाड़ी बालू का हो रहा उठावः स्थानीय लोगों की मानें तो छाता नदी से प्रतिदिन 60-70 गाड़ी बालू का उठाव होता है. ग्रामीणों का कहना है की प्रतिदिन बालू लदे ट्रैक्टर और हाइवा का जरियागढ़ की सड़कें से गुजरने से सड़कें भी जर्जर हो गई हैं. साथ ही छाता नदी का अस्तित्व भी समाप्त होता जा रहा है. जिला प्रशासन को इस पर लगाम लगाने की जरूरत है. अवैध बालू उठाव का हम सभी ग्रामीण विरोध करते हैं, लेकिन पुलिस का सहयोग नहीं मिलता है. ऐसे में हमलोग ज्यादा विरोध नहीं कर सकते हैं, करेंगे तो पता नहीं क्या होगा.


पुलिस एक्टिविटी की जानकारी रहती है माफियाओं कोः ऐसा नहीं है कि पुलिस के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है. जिले से जब जांच टीम निकलती है तो उससे पहले बालू माफिया को सूचना मिल जाती है और जांच टीम के हाथ कुछ भी नहीं लगता है. इसके अलावा जांच टीम में पर्याप्त कर्मी भी नहीं होने से भी इस पर लगाम नहीं लग पाता है.

स्थानीय लोगों ने सिस्टम पर उठाए सवालः स्थानीय लोगों के अनुसार बिना सिस्टम और बालू माफियाओं के गठजोड़ से ऐसा संभव नहीं हो सकता है. लोगों ने बताया कि थाने के गेट के सामने से बालू लदी गाड़ियां गुजर जाती हैं और पुलिस को भनक तक नहीं मिलती है. लोगों ने सवाल उठाया कि आखिरकार यह कैसे संभव है. स्थानीय पुलिस कार्रवाई के नाम पर महीने में एकाध गाड़ियां पकड़ जरूर अपना पीठ थपथपा लेती है, लेकिन उसकी दहलीज पर बैरिकेडिंग को छूते हुए अवैध बालू लदी गाड़ियां फर्राटे से दौड़ती हैं (Police Failed To Stop Illegal Sand Mining)तो इसे क्या कहेंगे.

खनन विभाग भी लाचारः खूंटी जिले के अड़की, मुरहू, तोरपा और कर्रा इलाके में हो रहे अवैध बालू खनन और परिवहन मामले पर ऑफ द रिकॉर्ड खनन विभाग के पदाधिकारी ने कहा कि खनन विभाग के पास जितना दम है लगा रहा है, लेकिन जब सहयोग नहीं मिलेगा तो क्या करेंगे. कभी-कभार सहयोग मिल भी जाता है तो पहुंचने से पहले ही सब गायब हो जाते हैं.

एसडीओ का दावा लगातर हो रही है कार्रवाईः इधर जिले के एसडीओ अनिकेत सचान ने मामले में कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई चल रही है. तोरपा में बालू का खनन फिलहाल बंद है, लेकिन जरियागढ़ इलाके में अवैध खनन हो रहा है. जिसे रोकने के लिए मैं खुद कार्रवाई कर रहा हूं. लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. सूचना के अनुसार कार्रवाई भी होती है. उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के भीतर पांच हाइवा जब्त किया जा चुका है.

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