खूंटीः झारखंड के खूंटी जिले में पेड़ों की अवैध कटाई और लकड़ियों की तस्करी बदस्तूर जारी है. जिले के अड़की क्षेत्र के जंगलों से लकड़ियों की कटाई का मामला लगातार सामने आते रहे है और तस्करी भी होती रही है. लेकिन वन विभाग लगातार ये दावा करते रही है कि क्षेत्र से वनों की कटाई नहीं होती है. वनों की कटाई के कारण जंगल वीरान हो रहे हैं. पेड़ों की कटाई और तस्करी के कारण पर्यावरण पर भी असर पड़ रहा है.
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विश्व पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ 5 जून को मनाई जाती है. पर्यावरण दिवस की तैयारियों में वन विभाग लगा हुआ है. सोमवार को वन विभाग लाखों पेड़ लगाने का संकल्प लेगी. वन विभाग आम जनों से पेड़ लगाने की अपील करेगा और उन्हें पेड़ बचाओ मुहिम से जोड़कर सपथ दिलाएगी. लेकिन वन विभाग दूरस्थ क्षेत्रों के जंगलों को बचाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही नतीजतन भारी संख्या में पेड़ों की कटाई जारी है.
जिले के घोर नक्सल प्रभावित अड़की प्रखंड के बीरबांकी स्तिथ सीआरपीएफ कैंप के पीछे वाले जंगल भी अवैध लकड़ी माफियाओं से बचा नहीं है. माफिया यहां से सखुआ के पेड़ों को मशीन से काटकर ले गये. लेकिन कटाई के नमूने साफ झलक रहा है कि यहां लकड़ी माफिया सक्रिया हैं.
रविवार को सीआरपीएफ कैंप परिसर के सामने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एकलव्य विद्यालय का शिलान्यास करने पहुंचे थे. उस स्थल से लगभग 400 मीटर दूर घने जंगल दिखाई दे रहा था. लेकिन जब ईटीवी की टीम सामने जाकर देखा गया तो जंगल गायब थे, झाड़ियों से छिपे कटे पेड़ों के अवेशष ही दिखाई दे दिया.