खूंटी: कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में गुरुवार को चार लोगों की मौत हो गई. इससे लोगों में डर और खौफ बढ़ता ही जा रहा है. जिले में 48 घंटे के भीतर कुल 14 लोगों की मौत हो चुकी है. कुल मौत की संख्या की बात की जाए तो अब तक 35 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
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लापरवाह स्वास्थ्यकर्मी
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का ग्राफ बढ़ रहा है तो वहीं अस्पताल के कर्मी भी लापरवाह दिखाई दे रहे हैं. कोविड अस्पताल के बाहर कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य लोगों के प्रयोग में लाई जा रही पीपीई किट को जहां तहां फेंक रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने की संभावना अधिक है. विशेषज्ञों का मानना है कि पीपीई किट का यदि ठीक से डिस्पोजल नहीं हुआ तो ये पर्यावरण के लिए खतरा और संक्रमण को भी बढ़ावा दे सकता है लेकिन खूंटी में इसे नजरअंदाज किया जा रहा है.
इन लोगों की हुई मौत
जिले में गुरुवार को कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों में 68 साल के कर्रा निवासी देवेंद्र सिंह, 72 साल की रांची टाटीसिल्वे निवासी कमला देवी, 48 साल के खूंटी जन्नत नगर निवासी जहांगीर अंसारी, 42 साल के पिपरा टोली निवासी शंभू साहू, केएस गंगा अस्पताल में कर्रा रोड निवासी आनंद कुमार, 50 साल के जन्नत नगर निवासी परवीन खातून और मुरहू के महिलगांव निवासी 30 साल के मानसिंह कच्छप शमिल हैं. सभी शवों को नगर पंचायत की टीम ने डिस्पोजल कर दिया है.
चारों ओर मेडिकल वेस्ट के लगे ढेर
जिले में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन स्वास्थ्यकर्मी इसे ज्यादा बढ़ावा देने में लगे हैं. बात जिले में बने MCH स्वास्थ्य केंद्र की हो रही है, जहां कोविड-19 के मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए कई ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं. लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग दिन रात अपनी ड्यूटी निभा रहा है.
कई मरीज ठीक भी हो रहे हैं. MCH केंद्र के कमरों में स्वच्छता का भी ख्याल रखा जा रहा है, लेकिन मातृ शिशु अस्पताल के बाहर मेडिकल वेस्ट का अंबार बढ़ता जा रहा है. शायद मेडिकल वेस्ट को पूरी तरह डिस्पोज करने के लिए अब तक खूंटी में कोई लिखित तरकीब या सरकारी गाइडलाइन नहीं आया है. यदि लगातार MCH केंद्र में पीपीई किट समेत अन्य मेडिकल वेस्ट यूं ही पड़े रहें तो आने वाले दिनों में मेडिकल वेस्ट से उत्पन्न बैक्टीरिया अस्पताल परिसर में गंभीर बीमारियां उत्पन्न करेंगे.