खूंटी: जिले के अड़की प्रखंड क्षेत्र में विवादित पत्थलगड़ी के समर्थक तेजी से सरकार के साथ जुड़ रहे हैं. जिन्होंने अपने सरकारी दस्तावेज जला दिए थे या राज्यपाल को वापस कर दिए थे वो सरकारी दस्तावेज वापसी के लिए अधिकारियों को लगातार पत्र लिखकर गुहार लगा रहे हैं. अधिकारी भी उनके दिए आवेदन पर काम कर रहे हैं और ग्रामीणों को उनका दस्तावेज वापस करने में अड़की प्रखंड के सभी कर्मचारी लगे हुए हैं.
दो वर्ष पूर्व तक ग्रामीण सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ खड़े थे और इलाके में समानांतर सरकार चलाने की दंभ भरते थे. कुछ नेताओं के बहकावे में आकर ग्रामीण क्षेत्र में अफसरों और कर्मियों को जाने से रोकते थे. अगर कोई चला जाए तो उसे बंधक बना लेते थे. यह ग्रामीणों की परंपरा में शामिल हो गया था. ग्रामीणों के क्रोध के कारण अफसर इलाके में जाने से डरते थे. जिससे क्षेत्र में सरकारी योजनाओं को पहुंचा पाना कठिन हो गया था. कारण क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाए नहीं पहुंच पाई. जिससे क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया.
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पहले अड़की प्रखंड मुख्यालय में सन्नाटा पसरा रहता था. ग्रामीणों के नहीं पहुंचने से प्रखंड कार्यालय के कर्मचारी आराम फरमाते थे, लेकिन अब अड़की प्रखंड मुख्यालय अब अलग दिखाई दे रहा है क्योंकि रोजाना यहां ग्रामीणों का जमावड़ा लग रहा है. कोरोना महामारी से लगी लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों को भूख सताने लगी तो सरकार और जिला प्रशासन को याद करने लगे. धीरे-धीरे ग्रामीणों में एकजुटता आई और मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं. नतीजतन ग्रामीण अब अपना वह दस्तावेज मांग रहे है जिससे सरकारी लाभ मिल सके. बता दें कि दो साल पहले ग्रामीणों ने इन दस्तावेजों को जला दिया था या राज्यपाल को वापस कर दिया था.
सरकारी योजनाओं से जुड़ रहे हैं ग्रामीण