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पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने किया सांस्कृतिक भवन निर्माण का भूमि पूजन, कहा- सामाजिक कार्यों में दलगत भावना से ऊपर उठकर कार्य करने की जरूरत

Construction of cultural building in Khunti. पूर्व सांसद और पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने खूंटी के जादूर अखड़ा में सांस्कृतिक भवन निर्माण को लेकर भूमि पूजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यों में सभी को दलगत भावना से कार्य करने की जरूरत है.

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Construction Of Cultural Building In Khunti

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 20, 2023, 4:25 PM IST

खूंटीःसामाजिक काम समाज के लिए होता है. इसके लिए सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज की उन्नति के लिए मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए. समाज किसी व्यक्ति विशेष का नहीं होता. समाज की भलाई के लिए सभी प्रकार के मतभेदों को भुलाकर समाज हित में कार्य करना आवश्यक है. यह बातें पूर्व सांसद और पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने मंगलवार को खूंटी के जादूर अखड़ा में कही.

आदिवासियों के लिए 5.92 करोड़ की लागत से सांस्कृतिक भवन बनाया जाएगाःकल्याण विभाग की ओर से 5.92 करोड़ की लागत से सांस्कृतिक भवन बनाया जाएगा. खूंटी के जादुर अखड़ा में 5.92 करोड़ की लागत से 110 गुणा 114 फीट में जी प्लस टू भवन बनाया जाएगा. भवन के निचले तल्ले में पूजा-पाठ के लिए पूजा स्थल और मंडप के साथ 16 कमरों का निर्माण होगा. पहले तल्ले में 16 कमरे और दूसरे तल्ले में लगभग 300 लोगों के बैठने के लिए कॉन्फ्रेंस रूम, स्टेज, ग्रीन रूम और आर्ट रूम का निर्माण कराया जाएगा.गौरतलब है कि कला एवं सांस्कृतिक केंद्र का केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अप्रैल 2022 में शिलान्यास किया था. इसके लिए फंड भी निर्गत किया गया था, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा सहमति नहीं मिलने से निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष में भी शुरू नहीं हो सका है.

आदिवासी नाचने-गाने में उस्तादःकार्यक्रम के दौरान कड़िया मुंडा ने कहा कि आदिवासी नाचने-गाने में उस्ताद हैं. आदिवासियों के जीवन से यदि नाच-गान को निकाल दिया जाए तो आदिवासी जीवित नहीं रहेंगे. जिंदा रहने के लिए ही भगवान की प्रेरणा से आदिवासियों ने नाच-गान की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि आधा पेट खाकर भी जब अखड़ा में मांदर बजने की आवाज आदिवासी के कानों में सुनाई पड़ती है तो वो अखड़ा में नाचने के लिए कूद जाते हैं. पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि लंबे अरसे से आदिवासी समाज के लिए कला एवं सांस्कृतिक भवन की मांग की जा रही थी.

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