खूंटीः जिला में संचालित राजकीयकृत आदर्श विद्यालय के प्रिंसिपल सुधांशु दत्ता पर एफआईआर दर्ज (FIR on principal) किया जाएगा. उन पर स्कूल के बच्चों से अवैध वसूली के आरोप लगे थे. जिसको लेकर निरीक्षण के दौरान डीएसई ने जांच में तमाम आरोप सही पाए. ईटीवी भारत पर प्रकाशित खबर 'शिक्षा के मंदिर में अवैध वसूली! सरकारी आदर्श विद्यालय में छात्रों को चाय पानी का देना पड़ता है खर्च' के बाद शिक्षा विभाग आदर्श विद्यालय की जांच करने (ETV Bharat Impact) पहुंची थी.
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इस जांच ने पाया कि आदर्श विद्यालय का प्रिंसिपल सुधांशु दत्ता बच्चों से अवैध वसूली करता है. इतना ही नहीं पैसा नहीं देने पर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी भी देता है. इसके अलावा जांच टीम ने शिक्षकों और बच्चों से पढ़ाई से संबंधित जानकारियां ली और उन्हें मुफ्त में दी जाने वाली पुस्तकें एवं पोशाक के बारे में भी जानकारी जुटाई. जनकारी के अनुसार आरोपी प्रिंसिपल 2020-2021 के दौरान बच्चों को मिलने वाली निःशुल्क पुस्तक का भी वितरण नहीं किया और उन्हें पोशाक भी नहीं दिया. शिकायत है कि प्रिंसिपल ने उन सारी पुस्तकों को बाजार में बेच दिया है. हालांकि इस मामले पर डीएसई ने कहा कि जांच के बाद वित्तीय अनियमितता मामले पर भी कानूनी कार्रवाई होगी.
प्रभारी डीएसई अतुल कुमार और क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी (AEO) अफसर आशीष हेम्ब्रम बिना सूचना दिए स्कूल पहुंचे और बारी बारी से सभी क्लास रूम जाकर बच्चों से बातचीत की. बच्चों ने जांच टीम को अपनी आपबीती बताई. डीएसई ने बताया कि नामांकन के नाम पर 500-500 रुपए लिए जाने की पुष्टि हुई है और इस मामले पर उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. उन्होंने इस तरह के मामले को आपराधिक मामला बताते हुए कहा कि इसमें एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी और कड़ी कार्रवाई होगी. लॉकडाउन के समय हुई गड़बड़ी मामले पर भी जांच की जा रही है और वित्तीय धोखाधड़ी मामले पर भी एफआईआर दर्ज होगा. वहीं एईओ ने बताया कि मामले की जांच के बाद आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि ईटीवी भारत ने पिछले दिनों 'शिक्षा के मंदिर में अवैध वसूली! सरकारी आदर्श विद्यालय में छात्रों को चाय पानी का देना पड़ता है खर्च' शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था. उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया था. मामले की जांच करने खुद प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी पहुंचे और जांच की. खूंटी थाना के सामने स्थित राजकीयकृत आदर्श विद्यालय (government school in Khunti) है और यह आदर्श विद्यालय इसलिए भी खास है क्योंकि शहर के आसपास के 7 सरकारी स्कूलों को मर्ज कर एक आदर्श विद्यालय बनाया गया है. लेकिन सरकारी स्कूल में अवैध वसूली हो तो फिर क्या कहा जाए, बच्चे आखिर कहां जाएं.