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खूंटी में खेती के क्लास में शामिल हुए सिमडेगा के किसान, बंजर जमीन पर सीखे आम की बागवानी

सिमडेगा से 75 महिला और पुरूष किसान खूंटी के गुफू और चंदरपुर गांव का दौरा किए. इस दौरान उन्होंने बंजर जमीन पर आम की बागवानी और वहीं सब्जी की खेती कर आमदनी कामने के गुर सीखे.

farming training in khunti
खेती की क्लास

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Published : Jan 14, 2020, 3:07 PM IST

खूंटीः जिले के तोरपा प्रखंड का चंदरपुर और गुफू गांव अन्य जिलों के किसानों और युवाओं के लिए एक्सपोजर विजिट का केंद्र बन गया है. दरअसल, झारखंड सरकार के कल्याण मंत्रालय के माध्यम से संचालित झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी के तहत सिमडेगा जिले के सदर और कुरडेग से आये 75 महिला और पुरुष तोरपा के गुफू और चंदरपुर गांव का दौरा किए.

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चंदरपुर में नदी के पानी को सोलर संचालित लिफ्ट इरीगेशन के माध्यम से खेतों तक पहुंचाकर टपक सिंचाई विधि से लहलहाते नगदी फसल की बारीकियों को जाना और किसानों ने अपने अनुभव भी साझा किया. वहीं स्थानीय किसानों ने बताया कि शुरूआत में एक दो लोग ही खेती करते थे, लेकिन प्रदान के थ्योरी और तकनीकी प्रशिक्षण के बाद केंद्र सरकार की मनरेगा और ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से अब एक सौ से ज्यादा किसान एक साथ खेती में जुटे हैं और सालाना एक लाख डेढ़ लाख की आमदनी कमा रहे हैं.

झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी के तहत सिमडेगा जिले के सदर और कुरडेग प्रखंड से आयीं महिला, पुरुष और युवा एक साथ भूमि और जल संरक्षण की जमीनी हकीकत से रु-ब-रु हुए. जहां बंजर जमीन में और आम बागवानी के नीचे सब्जी की खेती के लिए खेतों में सोलर आधारित सिंचाई सुविधा किया गया है. जिसे बाजार को गांव के खेतों तक पहुंचाने की बेहतर व्यवस्था ने सिमडेगा जिले के लोगों को नई सीख दी है.

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उन्होंने बताया कि वो सिमडेगा से खूंटी तोरपा में खेती और बागवानी को रोजगार की तरह अपनाने की सीख मिली है. जिससे 50 हजार से एक दो लाख रुपये खेतों की उपज से ही अर्जित की जा सकती है. तोरपा में प्रदान के सैद्धांतिक सह तकनीकी सहयोग और ग्रामीण विकास विभाग की आजीविका आधारित कई योजनाओं ने जिले में पलायन पर अंकुश लगाया है.

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