खूंटीः झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिले में अंधविश्वास के चलते एक परिवार को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. मामला जिले के मारंगहादा थाना क्षेत्र का है. यहां डायन बिसाही के आरोप में एक महिला को अपने पति और चार बच्चों के साथ गांव छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ा.
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भूत भगाने के नाम पर पहले तो भगत मंगरा मुंडा ने जबरदस्ती महिला उसके ससुर, ननद और परिवार के कई लोगों के शरीर से खून निकालने का नाटक किया और फिर पूजा के बाद महिला से एक लाख साठ हजार रुपए की मांग की गई. पैसे नहीं देने पर परिवार के सभी सदस्यों को जान से मारने और घर को आग लगने की धमकी भी दी गई. इसके बाद डरे सहमे परिजनों ने गांव छोड़ने का फैसला कर लिया. इस संबंध में मारंगहादा थाने में कई लोगों के खिलाफ नामजद प्रथमिकी दर्ज कराई गई है लेकिन अब तक एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया है.
क्या है पूरा मामला
कुछ हफ्ते पहले गांव के फगुआ मुंडा की बेटी की मौत किसी बीमारी के कारण हो गई थी. एक भगत ने बताया कि उसकी बेटी की मौत डायन बिसाही की वजह से हुई है. भगत ने इसके लिए गांव की ही एक महिला को डायन करार दिया. उसने ये भी कहा कि उस महिला के कारण गांव में शादी-विवाह में परेशानी हो रही है. इसके बाद शुरू हुआ अंधविश्वास का तमाशा. भगत मंगरा मुंडा ने भूत बांधने के लिए नारियल, लाल-सफेद कपड़ा, काला बकरा, लाल बकरा, बैल, मुर्गा, बतख, कबूतर और सोलह श्रृंगार का सामान मंगवाया. पूजा के दौरान महिला के परिवार के सदस्यों के शरीर से खून निकाला गया. इसके बाद नौ दिनों तक घर में बत्ती नहीं जलाने और खाना नहीं पकाने का फरमान सुनाया गया.
हद तो तब हो गई जब पंचायत के फैसले में पीड़ित महिला से एक लाख साठ हजार रुपए की मांग की गई. घर में दीया जलता और खाना पकाते देख ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के साथ मारपीट भी की. ग्रामीणों ने परिवार को जान से मारने और घर जलाने की धमकी दी. इस धमकी के बाद से परिवार गांव छोड़कर खूंटी में किराए के मकान में रहने को मजबूर है.