खूंटी: प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के खिलाफ खूंटी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर लाका पहान के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान अड़की मुरहू सीमावर्ती जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई.
अड़की थाना क्षेत्र के पहाड़ी इलाके के बिरसौरा गांव के पास जैसे ही पुलिस, मुरहु की सैट टीम और सीआरपीएफ 94 बटालियन की टीम पहुंची तो पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर लाका पहान के दस्ते ने फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग के जवाब में सुरक्षाबलों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. लगभग आधे घंटे तक चली फायरिंग में सुरक्षाबलों की टीम को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल और पहाड़ों के फायदा उठाकर फरार हो गए, लेकिन सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने जंगलों के बीच से नक्सलियों के अस्थायी कैंप को ध्वस्त करते हुए कई समान बरामद किए. सुरक्षाबलों ने 315 बोर का एक राइफल, 2 देसी पिस्टल, 2 देसी कट्टा, 34 जिंदा कारतूस, 3 खोखा, 12 मोबाइल, 5 सिम कार्ड, 5 चार्जर, एक घड़ी, चार पिट्ठू बैग, 5 कंबल, पीएलएफआई का 25 लेटर पेड, 4 डायरी, 2 चटाई समेत दैनिक उपयोग के कई समान बरामद किया है.
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2020 में मुठभेड़ में मारा गया जिदन गुड़िया
पुलिस के लिए चुनौती बना जिदन गुड़िया को दिसंबर 2020 में मुठभेड़ कर मार दिया गया. जिदन के मारे जाने के बाद से संगठन ने लाका पहान को इलाके का सबजोनल कंमाडर बना दिया. कमांडर बनते ही लाका ने कई कांडों को अंजाम देकर खूंटी पुलिस को चुनौती दी है, लेकिन खूंटी पुलिस भी लगातार लाका पहान के खिलाफ अभियान चला रही है. गुरुवार को भी लाका पहान खूंटी पुलिस से बचकर भागने में कामयाब रहा, हालांकि उसके पीछे सीआरपीएफ और मुरहू पुलिस लगी है.
लाका पहान की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
एसपी ने बताया कि लाका पहान अपने दस्त के सदस्यों के साथ अड़की मुरहु के सीमावर्ती बीरसारा जंगल मे कैंप कर किसी बड़े वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा था, सूचना मिलने के बाद एक टीम गठित की गई, टीम जैसे ही जंगल पहुंची पीएलएफआई ने पुलिस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी, पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, आधे घंटे तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रही, लेकिन घने जंगलों का फायदा उठाकर लाका पहान अपने दस्ते के सदस्यों के साथ भागने में कामयाब रहा. एसपी ने बताया कि उसके पीछे टीम लगी हुई है, जल्द ही सफलता मिलेगी. ऑपेरशन का नेतृत्व एएसपी अभियान रमेश कुमार और डीएसपी आशीष कुमार महली कर रहे थे. संयुक्त ऑपेरशन में अड़की और मुरहु थानेदार, मुरहु की सैट टीम और सीआरपीएफ 94 बटालियन की टीम शामिल थी.