खूंटीः जिला में हाथी की मौत पर एफआईआर होने पर बचाव में बिजली विभाग ने नया हथकंडा अपनाया है. बिजली के तार से हाथी की मौत हुई तो विभाग ने इस बाबत ग्रामीणों ने एक पत्र लिखवाया है.
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क्या है मामलाः जिला में रनिया थाना क्षेत्र के बनई पंचायत कोयनारा गांव में 15 नवंबर को 11 हजार वोल्ट बिजली की तार की चपेट में आने से एक विशालकाय 55 वर्षीय नर हाथी की मौत (Elephant killed by electric wire in Khunti) हो गयी. जिसे लेकर वन विभाग ने खूंटी न्यायालय में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने के मामले में खूंटी कोर्ट में वन वाद दायर किया गया. खूंटी कोर्ट में कांड दर्ज होने के बाद बिजली विभाग के पदाधिकारियों ने कोयनारा गांव जाकर जहां हाथी की मौत हुई थी उस गांव का मुआयना कर ग्रामवासियों से एक लिखित आवेदन लिखा कर उनसे हस्ताक्षर करवाया. जिसमें ग्रामवासियों ने लिखा है कि हाथी की मौत से पहले 11 हजार का तार ऊपर था, 14 नवंबर की रात को हाथी के द्वारा बिजली के पोल को धक्का मारा गया था, जिससे पोल टेढ़ा हो गया और तार नीचे हो गया और इस तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई.
ग्रामीणों द्वारा लिखा पत्र
कुछ दिन पहले तार ऊपर करने को लेकर डीएफओ ने लिखा था पत्रः दूसरी ओर खूंटी वन प्रमंडल के डीएफओ कुलदीप मीणा ने तीन दिन पहले ही ईटीवी को बताया था कि वन विभाग के द्वारा बिजली विभाग को पत्राचार कर तोरपा व रनिया के जंगलों में जहां-जहां हाथियों का कॉरिडोर है, उन जगहों से हाई वोल्टेज तारो को दुरस्त करवाने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण कोयनारा में हादसा हो गया. जिसके बाद वन विभाग ने न्यायालय में मामला को दर्ज कराया गया (FIR on death of elephant in Khunti) था.
क्या है कार्यपालक अभियंता की दलीलः वन विभाग ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट) 1972 की धारा 9, 50, 51, 57 और 58 के तहत कांड दर्ज कराया. इधर बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता जेम्स कुजूर ने बताया कि वन विभाग ने आरोप लगाया है इसकी जानकारी हमें नहीं है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी मिली है और मामले की जांच कराई जा रही है. जेम्स कुजूर ने बताया कि वन विभाग ने जो भी शिकायतें की थी उस पर कार्य कराया जा चुका है. हालांकि उन्होंने कहा कि तोरपा जेई संतोष कुमार गांव वालों से मिलने गया था इसकी जानकारी है लेकिन उसने गांव वालों से क्या लिखवाया इसकी जानकारी नहीं है, ऑफिस में रिपोर्ट देखकर बताएंगे. जबकि जेई का पक्ष लेने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.