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खूंटी में DC ने मनरेगा पार्क के निर्माण स्थल का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश

खूंटी उपायुक्त ने कर्रा प्रखंड अंतर्गत लोयंकेल गांव में मनरेगा पार्क के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मनरेगा पार्क को विकसित करने हेतु व्यवस्थाओं के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए.

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Published : Oct 12, 2020, 10:02 AM IST

DC ने मनरेगा पार्क निर्माण किये जाने वाले स्थल का किया निरीक्षण
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खूंटी: जिला उपायुक्त शशि रंजन ने कर्रा प्रखंड अंतर्गत लोयंंकेल गांव में मनरेगा पार्क निर्माण किये जाने वाले स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान कई आवश्यक बिंदुओं पर चर्चा की. उपायुक्त ने मनरेगा पार्क को विकसित करने हेतु बिंदुवार व्यवस्थाओं के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए.

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वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई से संबंधित प्रशिक्षण की तैयारी

इस दौरान डीसी ने कहा कि उद्यान कृषि, फूलों की बागवानी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, उन्‍नत और वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई से संबंधित प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. मनरेगा के तहत शुरू की जानेवाली ऐसी योजनाओं से स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि ये मॉडल पार्क होगा, जिसमें ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे. यह मनरेगा पार्क ग्रामीणों के लिए भी एक उदाहरण पेश करेगा और उन्हें इससे सीधा लाभ भी मिल सकेगा.

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भविष्य की नीतियों और कार्य योजनाओं पर चर्चा

इस दौरान मनरेगा पार्क के लिए भविष्य की नीतियों और कार्य योजनाओं पर मुख्य रूप से चर्चा की गई, साथ ही यहां मनरेगा अंतर्गत चल रहे योजना की रणनीति सहित कुछ अन्य योजनाओं पर भी चर्चा की गयी. उन्होंने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु तालाबों का नवीनीकरण करवाते हुए उसे पुनः सुचारू किये जाने के निर्देश दिए. विशेष रूप से औषधीय पौधारोपण कर उसे बढ़ावा देना, इमारती पौधों को सीमाओं पर वृक्षारोपण करना (जैसे- महागोनी, सागवान, सीसम ), मुर्गीपालन, बकरीपालन, कड़कनाथ मुर्गे, बतख पालन हेतु शेड का निर्माण और मछली पालन हेतु तालाब के उपयोग के सम्बंध में अधिकारियों को निर्देशित किया गया. इसके अलावा टपक सिंचाई, पोषण वाटिका के डेमो-प्लॉट के प्रदर्शन विकसित किये जाने के सम्बंध में चर्चा की गयी.

उपायुक्त ने कहा कि जल संरक्षण के उद्देश्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. वर्षा के पानी को संग्रहित करने हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग इकाई की स्थापना करने का निर्देश दिया. इन योजनाओं की देख-रेख की जिम्मेदारी कर्रा आजीविका महिला संकुल संगठन की होगी. इसे एसएचजी को जोड़कर उनके विकास की दिशा में भी सार्थक प्रयास सिद्ध हो सकेगा।

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