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ETV IMPACT: खूंटी के ग्रामीण भागों में दुरुस्त होंगी स्वास्थ्य सेवाएं, डीसी ने निरीक्षण कर जारी किए निर्देश - बीरबांकी अस्पताल का निरीक्षण

खूंटी के बीरबांकी पीएचसी में डॉक्टर और नर्स नहीं है. यहां के लोग झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहते है. ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य से जुड़ी खबर को प्रमुखता से दिखाया, तो उपायुक्त ने अस्पताल का निरीक्षण कर जल्द से जल्द बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया.

Birbanki Hospital Inspection
DC ने किया बीरबांकी अस्पताल का निरीक्षण

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Published : Jun 16, 2021, 8:11 PM IST

खूंटीः अस्पताल है लेकिन डॉक्टर और नर्स नहीं, झोलाछाप पर निर्भर ग्रामीण शीर्षक से प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने मंगलवार को नक्सल प्रभावित बीरबांकी में बने अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में जल्द ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया है.

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दरअसल, 3 जून को ईटीवी भारत ने बीरबांकी की स्वास्थ्य से जुड़ी खबर प्रमुखता से दिखाई थी कि कैसे वहां के ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहते है. खूंटी जिला प्रशासन लगातार जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में जुटा है. जिले के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती अड़की प्रखंड अंतर्गत बिरबांकी में पीएचसी का निर्माण किया गया है लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती थी.

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पीएचसी में बहाल किया जाएगा स्थायी डॉक्टर

उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि जल्द ही बिरबांकी पीएचसी में स्थायी डॉक्टर बहाल किए जायेंगे. डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के रहने की व्यवस्था बिरबांकी पीएचसी परिसर में ही किया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि बिरबांकी में ओपीडी की सुविधा पहले से ही ग्रामीणों को मिल रही है. अब स्त्री रोग और शिशु रोग विशेषज्ञ भी समय-समय पर बिरबांकी पीएचसी पहुंचेंगे और पूर्व सूचना के आधार पर ग्रामीण महिलाओं और बच्चों से संबंधित बीमारियों का भी इलाज बिरबांकी में करा सकेंगे.

एफपीओ का किया जाएगा गठन
डीसी ने कहा कि बिरबांकी ग्रामसभा के साथ संपन्न बैठक में बिरबांकी के ग्रामीणों ने पीएचसी में अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांच लैब की सुविधा बहाल करने की मांग की है. जल्द ही ग्रामीणों की मांग को पूर्ण किया जाएगा.

पीएचसी में 24 घंटे विद्युतापूर्ति बहाल करने के लिए सोलर संचालित ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा. साथ ही इलाके के विकास के लिए 10-20 एकड़ कृषि योग्य भूमि में समेकित कृषि पद्धति को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए बिरबांकी में एफपीओ का गठन किया जाएगा.

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प्रसव के लिए नहीं जाना होगा खूंटी

किसानों और सखी मंडल को भी सनेकित कृषि से जोड़ा जाएगा. बिरबांकी में समेकित कृषि जिले के लिए रोल मॉडल बनेगा. अड़की प्रखंड के बिरबांकी, तोडांग, बोहोंडा, कोचांग, तिरला, तिनतिला इलाकों के पंचायतों की गर्भवती महिलाओं को अब अल्ट्रासांउड कराने और प्रसव के लिए खूंटी नहीं आना पड़ेगा.

PHC में दी जाएगी अल्ट्रासांउड की सुविधा

डीसी शशि रंजन ने बिरबांकी में घोषणा की है कि अब बिरबांकी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही महिलाओं का प्रसव होगा. अल्ट्रासाउंड की सुविधा बिरबांकी पीएचसी में दी जाएगी. गर्भवती माताओं को अल्ट्रासांउड की सुविधा भी बिरबांकी पीएचसी में दी जाएगी. डीसी ने प्रभारी चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार को 24 घंटे के अंदर अस्पताल के जरूरी उपकारणों की सूची देने को कहा है जिससे अस्पताल में उपकरणों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी न उठानी पड़े.

इंटरनेट से जुड़ेगा गांव का अस्पताल

बिरबांकी के ग्रामीण अस्पताल को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा. कोविड जांच और वैक्सीनेशन की व्यवस्था भी अस्पताल में कर दी गई है. अस्पताल का क्रियाशील होना बिरबांकी इलाके के लोगों के सपनों का पूरा होना है. इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी है. चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति करने की बात डीसी ने कही है. संभावना है कि अस्पताल में 20 आधुनिक बेड, अल्ट्रासांउड, ईसीजी, एक्स-रे मशीनें जल्द लगेंगीं.

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