खूंटीः अस्पताल है लेकिन डॉक्टर और नर्स नहीं, झोलाछाप पर निर्भर ग्रामीण शीर्षक से प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने मंगलवार को नक्सल प्रभावित बीरबांकी में बने अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में जल्द ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया है.
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दरअसल, 3 जून को ईटीवी भारत ने बीरबांकी की स्वास्थ्य से जुड़ी खबर प्रमुखता से दिखाई थी कि कैसे वहां के ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहते है. खूंटी जिला प्रशासन लगातार जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में जुटा है. जिले के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती अड़की प्रखंड अंतर्गत बिरबांकी में पीएचसी का निर्माण किया गया है लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती थी.
पीएचसी में बहाल किया जाएगा स्थायी डॉक्टर
उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि जल्द ही बिरबांकी पीएचसी में स्थायी डॉक्टर बहाल किए जायेंगे. डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के रहने की व्यवस्था बिरबांकी पीएचसी परिसर में ही किया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि बिरबांकी में ओपीडी की सुविधा पहले से ही ग्रामीणों को मिल रही है. अब स्त्री रोग और शिशु रोग विशेषज्ञ भी समय-समय पर बिरबांकी पीएचसी पहुंचेंगे और पूर्व सूचना के आधार पर ग्रामीण महिलाओं और बच्चों से संबंधित बीमारियों का भी इलाज बिरबांकी में करा सकेंगे.
एफपीओ का किया जाएगा गठन
डीसी ने कहा कि बिरबांकी ग्रामसभा के साथ संपन्न बैठक में बिरबांकी के ग्रामीणों ने पीएचसी में अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांच लैब की सुविधा बहाल करने की मांग की है. जल्द ही ग्रामीणों की मांग को पूर्ण किया जाएगा.
पीएचसी में 24 घंटे विद्युतापूर्ति बहाल करने के लिए सोलर संचालित ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा. साथ ही इलाके के विकास के लिए 10-20 एकड़ कृषि योग्य भूमि में समेकित कृषि पद्धति को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए बिरबांकी में एफपीओ का गठन किया जाएगा.